कुंडली से जाने बॉयफ्रेंड, बेस्टफ्रेंड एवं पति (Kundli Se Jane Boy Friend, Best Friend Evam Pati)

          कुंडली से किसी भी स्त्री के बॉयफ्रेंड, बेस्टफ्रेंड एवं पति के बारे में जाना जा सकता है। कुंडली में मंगल बॉयफ्रेंड, बुध बेस्टफ्रेंड और बृहस्पति पति का करक होता है। मंगल किसी महिला की कुंडली मे उसके आत्मविश्वास, ऊर्जा या बॉयफ्रेंड का प्रतिनिधित्व करता है। परन्तु मंगल की ऊर्जा का प्रयोग वह स्वयं के विकास के लिये करती है। इसलिए मंगल पति नही हो सकता और संबंध टूट जाता है। बुध बेस्ट फ्रेंड है जिससे एक लड़की अपने सुखदुख शेयर करती है। पर बुध में पुरुषत्व काम होने के कारन प्रपोज़ करने का वो सामर्थ नहीं है जो मंगल के पास है। उदाहरण के तोर पर क्लास का सबसे अच्छा नोट्स बनाने वाला लड़का बुध है और शारीरिक तोर पर पुष्ट सुन्दर मांसपेशियों वाला लड़का मंगल है। पर मंगल और बुध दोनों में पति वाला गुण नहीं होता इसलिये दोनों का एक लड़की से संबंध स्थायी नहीं हो सकता। बृहस्पति जिम्मेदार है और परिपक्व है इसलिए वह पति की भूमिका में होता है। पर यदि तीनों ग्रहों की भूमिकाएं बदल जाएं तो स्थितियां बदतर हो जाती हैं।

यदि किसी लड़की की कुंडली में बृहस्पति की जगह बुध या मंगल पति की भूमिका में है तो स्त्री का जीवन संघर्षों से भर जाता है। यदि मंगल पति की भूमिका में दिमाग और दिल दोनों का ही प्रयोग नहीं करेगा। परन्तु सुन्दर मांसपेशियों वाला होने के कारन उसके जीवन मे विवाह के बाद भी अन्य महिलाएं अवश्य होंगी। बुध में बचपना अधिक होने के कारन उसको अपनी जिम्मेदारी का अहसास कभी नहीं होगा। गंभीर से गंभीर बात को भी वह हंसी में लेगा। दोनो ही परस्थितिओं में घरेलु विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ते जायेंगे। इसलिए विवाह एवं गृहस्थ का सुख वही संभव है जहाँ बृहस्पति पति की भूमिका में है। कुंडली में बुध कमजोर होने से लड़की का कोई बेस्ट फ्रेंड नहीं होगा और इसके विपरीत बुध बलवान होने से उसे दुखसुख बाँटने वाला सच्चा मित्र मिलता है। और यही स्थिति मंगल से होगी कमजोर होने से बॉयफ्रेंड नहीं होगा और मंगल मजबूत होने से बॉयफ्रेंड होगा। पर यदि उसका बृहस्पति पीड़ित हुआ तो विवाह तो होगा पर बाद में उसका जीवन नरक बन जाएगा और संतान उत्पन्न होने में भी समस्या आएगी।

क्या कभी आपने सोचा है कि ३२ गुण मिलने पर भी शादियां कुछ महीने क्यों चल पा रही हैं। उपरोक्त विश्लेषण के अनुसार नक्षत्र चरणों के आधार पर गुण मिलाने के साथ साथ कुंडली में बुध, मंगल और बृहस्पति की स्थिति देखने के बाद लड़के-लड़की का ७ वां , ८ वां और १२ वें भाव का अधययन करना अति आवश्यक है। यदि दोनों कुंडलियों में तीनो घर और ग्रह ६० प्रतिशत या इससे अधिक समान रूप से पीड़ित हों तो विवाह कर दीजिए। इसके लिए किसी विद्वान ज्योत्षी का परामर्श अनिवार्य है।

 

प्रिये मित्रों अपनी कुंडली में सर्व दोषों के स्थाई निवारण हेतु हमसे संपर्क करें।
संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com

 

आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया मैसेज कर हमें बताएं

ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *