क्या कहती है आपकी जीवन रेखा (Kya Kehti Hai Aapki Jeevan Rekha-Life Line)

          हस्तरेखा शास्त्री तीसरे पायदान पर संभवत: सबसे विवादास्पद रेखा-जीवनरेखा को देखते हैं। यह रेखा अंगूठे के ऊपर हथेली के किनारे से निकलती है और कलाई की दिशा में गोलाई लिए हुए मणिबन्ध की और बढ़ती है। माना जाता है कि यह रेखा व्यक्ति की आयु, ऊर्जा और शक्ति, शारीरिक स्वास्थ्य और आम खुशहाली का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसा भी माना जाता है कि जीवन रेखा दुर्घटनाओं, शारीरिक चोट, पुनर्स्थापन सहित जीवन में आने वाले बदलावों को प्रतिबिंबित करती है। आम धारणा के विपरीत, आधुनिक हस्तरेखा शास्त्री आम तौर पर यह विश्वास नहीं करते कि एक व्यक्ति की जीवन रेखा की लंबाई के व्यक्ति की उम्र से जुड़ी हुई है।

  • यदि जीवन रेखा लंबी, पतली, गहरी, और साफ हो तो शुभ होती है। जीवन रेखा पर क्रॉस का चिन्ह सदैव अशुभ होता है। यदि जीवन रेखा शुभ है तो व्यक्ति की आयु लंबी होती है।
  • यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के मध्य अधिक अंतर हो तो व्यक्ति बिना सोच-विचार के कार्य करने वाला होता है।
  • यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के मध्य थोड़ा अंतर हो तो व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाला होता है।
  • यदि चन्द्रपर्वत से चलकर कोई रेखा जीवनरेखा से मिल रही है तो इसका समझ लें कि व्यक्ति के पास जीवन के अंतिम समय में खूब पैसा होगा परन्तु मृत्यु घर से दूर होगा।
  • यदि दोनों हाथों में जीवन रेखा टूटी हुई हो, तो व्यक्ति को मृत्यु समान कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।
  • यदि एक हाथ में जीवन रेखा टूटी हो और दूसरे हाथ में यह रेखा ठीक हो, तो यह किसी गंभीर बीमारी या बदलाव को दर्शाती है।
  • यदि जीवनरेखा के मध्य में काला तिल हो तो यह आयु एवं धन के संदर्भ में अच्छा नहीं होता। अनावश्यक व्यय के कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में उतार-चढाव बना रहता है।
  • यदि किसी व्यक्ति के हाथ में जीवन रेखा श्रृंखलाकार या अलग-अलग टुकड़ों से जुड़ी हुई या बनी हुई हो तो व्यक्ति निर्बल हो सकता है। ऐसे लोग स्वास्थ्य की दृष्टि से भी परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसा विशेष रूप से तब होता है, जब हाथ बहुत कोमल हो। जब जीवन रेखा के दोष दूर हो जाते हैं तो व्यक्ति का जीवन सामान्य हो जाता है।
  • यदि जीवन रेखा से कोई शाखा शनि पर्वत के क्षेत्र की ओर उठकर भाग्य रेखा के साथ-साथ चलती दिखाई दे तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति को धन-संपत्ति का लाभ मिलेगा । ऐसी रेखा के प्रभाव से व्यक्ति को सुख-सुविधाओं की वस्तुएं भी प्राप्त होती है।
  • यदि जीवन रेखा को कई छोटी-छोटी रेखाएं काटती हुई नीचे की ओर जाती हो तो ये रेखाएं व्यक्ति के जीवन में परेशानियों को दर्शाती हैं। यदि इस तरह की रेखाएं ऊपर की ओर जा रही हों तो व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।
  • यदि जीवनरेखा से छोटी-छोटी रेखाएं ऊपर की ओर जा रही हैं तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत और प्रयास से अधिक लाभ मिलता रहेगा।
  • यदि जीवन रेखा, हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा तीनों प्रारंभ में मिली हुई हो तो व्यक्ति भाग्यहीन, दुर्बल और परेशानियों से घिरा होता है।
  • यदि जीवन रेखा से कोई शाखा गुरु पर्वत के क्षेत्र की ओर उठती दिखाई दे या गुरु पर्वत में जा मिले तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति को कोई बड़ा पद या व्यापार-व्यवसाय में तरक्की प्राप्त होगी ।
  • यदि जीवन रेखा गुरु पर्वत से प्रारंभ हुई हो तो व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी होता है और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
  • जब टूटी हुई जीवन रेखा शुक्र पर्वत के भीतर की ओर मुड़ती दिखाई देती है तो यह अशुभ लक्षण होता है। ऐसी जीवन रेखा बताती है कि व्यक्ति को किसी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है।
  • यदि जीवन रेखा अंत में दो भागों में विभाजित हो गई हो तो व्यक्ति की मृत्यु जन्म स्थान से दूर होती है।
  • यदि दोनों हाथों में जीवन रेखा बहुत छोटी हो तो वह व्यक्ति अल्पायु हो सकता है। जीवन रेखा जहां-जहां श्रृंखलाकार होगी, उस आयु में व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रसित हो सकता है।
  • यदि जीवन रेखा पर यव का चिन्ह हो तो जीवन में कई तरह के कष्ट भोगने पड़ते हैं। यदि जीवनरेखा के अंदर की ओर यव चिन्ह आ रहा हो तो यह पेट संबंधी रोगों का संकेत है और करोबार में उधार दिया गया पैसा डूब सकता है।
  • यदि जीवन रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो तो यह व्यक्ति के जीवन की रक्षा करता है। आयु के संबंध में जीवन रेखा के साथ ही स्वास्थ्य रेखा, हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा और अन्य छोटी-छोटी रेखाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।
  • यदि हथेली में दो जीवनरेखाएं हों तो व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है। धन और सुख भी इनका उम्र के साथ बढ़ता रहता है। ऐसे लोगों को जीवन में कम संकटों का सामना करना पड़ता है और भाग्य इन्हें जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करता है। ऐसे व्यक्ति को सुंदर और सुयोग्य जीवनसाथी एवं संतान की प्राप्ति होती है।

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

 

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