क्या कहती है आपकी भाग्य रेखा (Kya Kehti Hai Aapki Bhagya Rekha-Fate Line)

          भाग्य रेखा कलाई के पास हथेली के निचले हिस्से (मणिबंध) से प्रारंभ होती है और हथेली के केन्द्र से होते हुए मध्य उंगली की ओर जाती है। यह रेखा भाग्य, कैरियर के चयन, सफलताओं और बाधाओं सहित व्यक्ति के जीवन-पथ से जुड़ी होती है। भाग्य रेखा का उद्गम स्थान मणिबंध के अतिरिक्त चंद्र पर्वत, शुक्र पर्वत, राहु पर्वत, मंगल पर्वत, जीवन रेखा, सूर्य रेखा, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा अदि। रेखा का उद्गम स्थान इसके गुण, दोष, लाभ, हानि, विशेषताएं अदि के संकेत देती है। जिससे व्यक्ति के भाग्य का सटीक आंकलन किया जा सकता है।

  • यदि यह रेखा सरल रूप में हो तो व्यक्ति बहुत सौभाग्यशाली होता है।
  • जिस बिन्दु पर भाग्य रेखा को कोई रेखा काटती है उस वर्ष मनुष्य को भाग्य या धन की हानि होती है।
  • यदि हथेली में भाग्यरेखा अगर एक से अधिक हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही गुणवान और महान होते हैं।
  • यदि दोनों हथेली में भाग्य रेखा एक जैसी हो तो व्यक्ति अपने पैतृक कारोबार में आगे बढ़ते हैं और सफल होते हैं।
  • यदि भाग्यरेखा पर वर्ग चिन्ह का हो तो व्यक्ति का भाग्य बलवान होता है। ऐसे व्यक्ति धनवान होते हैं और इन्हें आर्थिक नुकसान कम सहना पड़ता है।
  • यदि कोमल एवं गुलाबी हथेली में एक से अधिक भाग्यरेखा हो और मस्तिषक रेखा भी अच्छी हो तो व्यक्ति के पास धन कमाने के कई रास्ते होते है।
  • यदि दोनों हथों में भाग्यरेखा आकर हृदय रेखा पर रुक जाए और मस्तिष्क रेखा से एक मोटी रेखा आकर हृदय रेखा को छूए तो यह वैवाहिक जीवन के सुख के लिए अच्छा नहीं माना माना जाता है।
  • यदि यह रेखा टूटी हुई हो तो व्यक्ति का भाग्य बहुत मुश्किलों से भरा हुआ होता है। टूटी रेखाएं जीवन में भाग्य के समय-समय पर साथ छोड़ देने की निशानी बताएं गए हैं।
  • यदि भाग्य रेखा या सहायक रेखा मणिबंध से निकलकर मध्यमा अंगुली के दूसरे पोर तक जा रही हो तो व्यक्ति को जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
  • यदि हथेली में जंजीरनुमा भाग्यरेखा मस्तिष्क रेखा पर आकर रुक जाए हो तो यह भाग्य के मामले में प्रतिकूल होने के साथ ही आर्थिक मामलों में भी ठीक नहीं होता।
  • यदि भाग्य रेखा जगह-जगह से टूटी हुई हो और शनि पर्वत से मणिबंध तक भी तो भी इसका खास महत्व नहीं होता।
  • यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा से प्रारम्भ हो तो बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसे व्यक्ति अपनी बुद्धि एवं ज्ञान से खूब तरक्की करते हैं। भाग्य रेखा के साथ कुछ और रेखाएं भी चल रही हों तो व्यक्ति अनेक क्षेत्रों से लाभ पाता है।
  • यदि हथेली का रंग कालापन लिए हो और भाग्यरेखा टेढ़ी-मेढ़ी भी हो तो मस्तिष्क रेखा से निकलने पर भी भाग्यरेखा बहुत साथ नहीं देती व्यक्ति को जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
  • यदि भाग्य रेखा जीवनरेखा से दूर हो और शुरू में मोटी लेकिन आगे बढ़कर पतली हो जाए साथ ही हथेली के सभी पर्वत उठे हुए हों तो व्यक्ति जीवन में बड़ी कामयाबी प्राप्त करता है साथ ही कई स्रोतों से धन लाभ पाता है।
  • यदि हथेली में बुध क्षेत्र का स्थान दबा हो और भाग्य रेखा काफी मोटी हो साथ ही उस पर द्वीप का निशान भी बना हो तो यह दांपत्य जीवन में वियोग का सूचक होता है। अगर इनमें से केवल एक ही बात हथेली में हो तब भी आपस में तालमेल की कमी रहती है और अक्सर विवाद होने पर भी साथ बना रहता है।
  • यदि भाग्यरेखा अगर मस्तिष्क रेखा पर आकर ठहर जाए तो व्यक्ति को संतान सुख में परेशानी आती है। ऐसे व्यक्तियों को परिवार से पूरा सहयोग नहीं मिल पाता है साथ ही अपने निर्णयों के कारण कई बार इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
  • यदि शन‌ि पर्वत पर त्र‌िशूल का न‌िशान हो और हथेली में भाग्य रेखा को चन्द्र पर्वत से आती रेखा छू रही हो तब इसका प्रभाव और बढ़ जाता है। ऐसा होने पर व्‍यक्ति अपने क्षेत्र में बहुत बड़ा अधिकारी बनता है और मान-सम्मान प्राप्त करता है।

 

प्रिये मित्रों अपनी कुंडली में सर्व दोषों के स्थाई निवारण हेतु हमसे संपर्क करें।
संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com

 

आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया मैसेज कर हमें बताएं

ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *