उपाए एवं टोटके भाग – ३ (Upaye Evam Totke Part – 3)

          सूर्य ग्रह के उपाए – आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे, सूर्य को आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करे। ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दान करें। प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें। ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें, एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें।

।। ॐ घृणि सूर्याय नमः  ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

चंद्र ग्रह के उपाए – सोमवार का व्रत करें, माता या माता तुल्य औरतों की सेवा करें, शिव की आराधना करें, मोती धारण करें, दो मोती या दो चाँदी के टुकड़े लेकर एक टुकड़ा पानी में बहा दें तथा दूसरे को अपने पास रखें। कुंडली के छठवें भाव में चंद्र हो तो दूध या पानी का दान कभी न करें, यदि चंद्र बारहवाँ हो तो धर्मात्मा या साधु को भोजन न कराएँ और ना ही दूध पिलाएँ। सोमवार को सफ़ेद वास्तु जैसे दही,चीनी, चावल,सफ़ेद वस्त्र, १ जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करें।

।। ॐ सों सोमाय नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

मंगल ग्रह के उपाए – ताँबा, गेहूँ एवं गुड,लाल कपडा,माचिस का दान करें। तंदूर की मीठी रोटी दान करें। बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहाएँ, मसूर की दाल दान में दें। हनुमान जी की आराधना करें, हनुमान जी को चोला अर्पित करें, हनुमान मंदिर में ध्वजा दान करें, बंदरो को चने खिलाएं, हनुमान चालीसा,बजरंग बाण, हनुमानाष्टक यासुंदरकांड का पाठ करें।

।। ॐ अं अंङ्गारकाय नम: ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

बुध ग्रह के उपाए – भगवान गणेश व माँ दुर्गा की आराधना करें, गौ सेवा करे, काले कुत्ते को इमरती देना लाभकारी है, नाक छिदवाएँ, ताबें के प्लेट में छेद करके बहते पानी में बहाएँ। अपने भोजन में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्तों को और एक हिस्सा कौवे को दें, या अपने हाथ से गाय को हरा चारा, हरा साग खिलायें। उड़दकी दाल का सेवन करे व दान करें। बालिकाओं को भोजन कराएँ, गणेशअथर्वशीर्ष का पाठ करें। हरा रुमाल साथ रक्खें, पन्ना धारण करें, हरे वस्त्र धारण करें, किन्नेरो को हरी साडी, सुहाग सामग्री दान देना बहुत चमत्कारी है।

।। ॐ बुं बुधाय नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

गुरु ग्रह के उपाए – ब्रह्मण का यथोचित दान करें, माथे या नाभी पर केसर का तिलक लगाएँ, कलाई में पीला रेशमी धागा बांधे, पुखराज धारण करे अन्यथा पीले वस्त्र या हल्दी की गांड साथ रक्खें, कोई भी अच्छा कार्य करने के पूर्व अपना नाक साफ करे, दान में हल्दी, दाल, पीतल का पत्र, कोई धार्मिक पुस्तक, १ जोड़ा जनेऊ, पीले वस्त्र, केला, केसर,पीले मिष्ठान, दक्षिणा आदि देवें, विष्णु आराधना करें।

।। ॐ बृं बृहस्पतये नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

शुक्र ग्रह के उपाए – माँ लक्ष्मी की सेवा आराधना करें, श्री सूक्त का पाठ करें, खोये के मिष्ठान व मिश्री का भोग लगायें, ब्रह्मण ब्रह्मणि की सेवा करे, स्वयं के भोजन में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य दें, कन्या भोजन करायें, ज्वार दान करें, गरीब बच्चो व विद्यार्थिओं में अध्यन सामग्री का वितरण करें, नि:सहाय, निराश्रय के पालन-पोषण का जिम्मा लें, अन्न का दान करे |

।। ॐ शुं शुक्राय नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

शनि ग्रह के उपाए – हनुमान आराधना करें, हनुमान जी को चोला अर्पित करें, हनुमान मंदिर में ध्वजा दान करें, बंदरो को चने खिलायें, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक या सुंदरकांड का पाठ करें, नाव की कील या काले घोड़े की नाल का शल्ला माध्यमिक उंगली में धारण करें, शनि लग्न में हो तो भिखारी को ताँबे का सिक्का या बर्तन कभी न दें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा, शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला आदि न बनवाएँ, तेल में अपना मुख देख कर वह तेल दान कर दें, लोहा, काली उड़द, कोयला, तिल, जौं, काले वस्त्र, चमड़ा, काली सरसों आदि दान दें।

।। ॐ शं शनैश्चराय नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

राहु ग्रह के उपाए – गोमेद धारण करे, माँ दुर्गा, भगवन शिव व हनुमान जी की आराधना करें, तिल, जौं किसी हनुमान मंदिर में या किसी यज्ञ स्थान पर दान करें, जौ या अनाज को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएँ, कोयले को पानी में बहाएँ, मूली दान में दें, भंगी को शराब, माँस दान में दें, सिर में चोटी बाँधकर रखें, ४३ दिन लगातार सोते समय सर के पास किसी पात्र में जल भर कर रक्खे और सुबह किसी पेड़ में दाल दे, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक, हनुमान बाहुक या सुंदरकांड का पाठ करें।

।। ॐ रां राहवे नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

केतु ग्रह के उपाए – माँ दुर्गा, भगवन शिव व हनुमान जी की आराधना करें, तिल, जौं किसी हनुमान मंदिर में या किसी यज्ञ स्थान पर दान करें, कान छिदवाएँ, ४३ दिन लगातार सोते समय सर के पास किसी पात्र में जल भर कर रक्खे और सुबह किसी पेड़ में दाल दे, अपने खाने में से कुत्ते,कौव्वे को हिस्सा दें, तिल व कपिला गाय दान में दें, पक्षिओं को बाजरा दें , चींटियों के लिए भोजन की व्यस्था करना अति महत्व्यपूर्ण है, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक, हनुमान बाहुक, सुंदरकांड का पाठ करें।

।। ॐ कें केतवे नमः ।। मंत्र का प्रति दिन १०८ बार (१ माला) जाप करें।

 

प्रिये मित्रों अपनी कुंडली में सर्व दोषों के स्थाई निवारण हेतु हमसे संपर्क करें।
संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com

 

आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया मैसेज कर हमें बताएं

ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *