चूने से रोग निधान (Chune Se Rog Nidhaan)

          प्रिये मित्रों चूना जो की आम तोर पर पान में डाला जाता है। परन्तु यह एक ऐसा अमृत है जो कई भयंकर रोगों को जड़ से समाप्त कर देता है। आयुर्वे में चूने का प्रयोग कई जड़ियों के साथ मिला कर किया जाता है। आइए जानते हैं कैसे चूने का प्रयोग करता है रोगों का अंत। प्रिये मित्रों आप सब से विनती है की अपने एवं दूसरों के भले के लिए यह जानकारी अधिक से अधिक फैलाएं।

  • चूना का एक टुकडा छोटे से मिट्टी के बर्तन मे डाल कर पानी से भर दे चूना गलकर नीचे बैठ जायेगा और पानी ऊपर होगा। यह एक चम्मच पानी किसी भी खाने की वस्तु के साथ लेना है। ५० के उम्र के बाद कोई कैल्शियम की दवा शरीर मे जल्दी नही घुलती चूना तुरन्त घुल व पच जाता है।
  • अगर किसी को पीलिया हो जाये तो उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना। यह गेहूँ के दाने के बराबर गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है।
  • चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है। अगर किसी व्यक्ति के शुक्राणु नही बनने का रोग हो तो गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे और जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना।
  • गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के खाओ, दाल नही है तो पानी में मिला के पियो। इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छी होती है।
  • जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में काम करते है, देर में सोचते है हर चीज उनकी धीमी है उन सभी बच्चे को चूना खिलाने से वह अच्छे हो जायेंगे।
  • बहनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है चूना। हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र पचास वर्ष हो गयी और उनका मासिक धर्म बंद हुआ उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना।
  • गेहूँ के दाने के बराबर चूना प्रतिदिन दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में घोल के पीना। जब कोई माँ गर्भावस्था में है तो चूना रोज खाना चाहिए क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे ज्यादा केल्शियम की जरुरत होती है और चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है। गर्भवती माँ को अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर मिला कर प्रतिदिन पिलाने के अनेकों लाभ होन्हे जैसे १. माँ को बच्चे के जनम के समय कोई तकलीफ नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगी। २. बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त होगा। ३. बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया हो। ४. बच्चा बहुत होशियार होता है और उसकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होगी।
  • चूना घुटने का दर्द ठीक करता है , कमर का दर्द ठीक करता है ,कंधे का दर्द ठीक करता है।
  • स्पॉन्डिलाइटिस एक खतरनाक बीमारी है जो चूना खाने से ठीक हो जाती है।
  • कई बार हमारे रीढ़की हड्डी के मनके मे दुरी बढ़ जाती है तो केवल चूना ही इस रोग को ठीक करता है।
  • रीड़ की हड्डी की सब बीमारिया चूना खाने से ठीक होता है । अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे ज्यादा चूने में है।
  • मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है।
  • मुंह में अगर छाले हो गए है तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक हो जाता है ।
  • शरीर में जब खून की कम (एनीमिया) हो जाये तो चूना सबसे अच्छी दवा है। चूना गन्ने के रस में, संतरे के रस में या अनार के रस में चुना पीना उत्तम है। अनार के रस में चूना पीने से खून बहुत बढता है। एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर चूना सुबह खाली पेट पीना चाहिए।
  • यदि घुटने में घिसाव आ गया हो और डॉक्टर घुटना बदलने को कहे तो चूना खाने से और हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीने से घुटने बहुत अच्छा काम करेंगे।

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

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