रोगानुसार देसी गाय के घी के उपयोग (Rog Anusar Desi Gaye Ke Ghi Ka Upyog)

          प्रिये मित्रों आयुर्वेद में अगर देसी गाय के घी को निकल दें तो असंख्य रोगों का उपचार आयुर्वेद में असंभव हो जायेगा। देसी गाय का घी एक ऐसी औषधि है जो कई रोगों का नाश चमत्कारिक ढंग से कर देती है। आइए जानते हैं देसी गाय के घी का उपयोग कैसे कुछ भयानक रोगों को सरलता से ही ठीक कर देता है। प्रिये मित्रों आप सब से विनती है की अपने एवं दूसरों के भले के लिए यह जानकारी अधिक से अधिक फैलाएं।

  • गाय का घी नाक में डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है, पागलपन दूर होता है, एलर्जी खत्म हो जाती है, लकवा के रोग में भी उपचार होता है, नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है, कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है, रोगी कोमा से बाहर निकल कर चेतना में वापस लोट आता है, सिर के बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते हैं और मानसिक शांति मिलती है व याददाश्त तेज होती है।
  • २०-२५ ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।
  • हाथ-पॉँव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।
  • हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
  • गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
  • गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है।
  • गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
  • अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  • हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
  • गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
  • जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, इससे ह्रदय मज़बूत होता है।
  • गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर या बूरा या देसी खाण्ड, तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रतिदिन प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।
  • फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
  • गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायता मिलती है।
  • सांप के काटने पर १००-१५० ग्राम गाय का घी पिलायें, उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें, जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष भी कम हो जायेगा।
  • सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, इससे सिरदर्द दर्द ठीक हो जायेगा।
  • यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि यह वजन को संतुलित करता है। यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है तथा मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
  • एक चम्मच गाय के शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और १/४ चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है।
  • गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।
  • गाय का घी एक अच्छा (एल डी एल) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है।
  • अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को सन्तुलित करता है।

 

प्रिये मित्रों अपनी कुंडली में सर्व दोषों के स्थाई निवारण हेतु हमसे संपर्क करें।
संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com

 

आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया मैसेज कर हमें बताएं

ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *