उपाए एवं टोटके भाग – ५ (Upaye Evam Totke Part – 5)

  • समस्या मुक्ति हेतु प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान जी को बिना चूने के पान का बीड़ा चढ़ाएं। पान के साथ इत्र की फुरेरी भी अर्पित करें। इसके बाद हाथ जोड़ कर मानसिक रूप से हनुमानजी से अपने कष्टों से मुक्ति का निवेदन करें। इस उपाय को आप निरंतर करते रहे जब तक कि आपकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता
  • कष्टों के शमन हेतु किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को कत्था, गुलकंद, सौंफ , खोपरे का बूरा तथा छोटी इलायची युक्त पान के पांच बीड़े बनवा लें। तत्पच्छात प्रत्येक शनिवार तथा मंगलवार को बिना चूने के पान का बीड़ा चढ़ाएं। पान के साथ इत्र की फुरेरी भी अर्पित करें।
  • समस्याओं के समाधान हेतु हनुमान जयंती को बिना चूने के पान के २७ बीड़े चढ़ाएं। पान के साथ इत्र की फुरेरी भी अर्पित करें।
  • दाम्पत्य संबंधों में प्रेम – प्रीती की वृद्धि हेतु यह उपाय आपको दुर्गामाता के मंदिर में अथवा अपने एकांत कक्ष में दुर्गा माता की तस्वीर अथवा प्रतिमा के सामने करना है। इसके अंतर्गत एक पान का पत्ता लें, उसके ऊपर चन्दन का पाउडर तथा थोड़ा सा केसर रखें। इसके बाद चंडी स्तोत्र के तीन पाठ करें। पाठ करने के बाद मानसिक रूप से दुर्गा माता से अपने कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें। उठने से पहले पान को मोड़ कर बीड़ा बना लें और इसे एक बर्तन आदि में सुरक्षित रख लें। यह उपाय आपको लगातार ४३ दिन तक करना है। इन ४३ दिनों में इसी प्रकार से पान अर्पित करके इसका बीड़ा बनाकर सुरक्षित रखना है। ४३वें दिन उपाय करके सभी पान के बीड़ों को जल में प्रवाहित कर दें। शीघ्र ही कष्टों में कमी होती दिखाई देगी।
  • यदि आपके कार्यों में बार बार विघ्न होते है तो किसी भी बुधवार को गणेश मंदिर में अथवा अपने आवास के एकांत कक्ष में गणेश जी के चित्र के समक्ष यह उपाय करना है। एक सादा पान का पत्ता लें। पान के उलटी तरफ सिन्दूर में थोड़ा पानी मिलाकर स्वस्तिक बनाएं अथवा कुमकुम से रंगे साबूत चावल से भी स्वस्तिक बना सकते है। एक पूजा की सुपारी लेकर इसके ऊपर ग्यारह बार कलावा लपेटें, यह गणपति का स्वरुप है, इसे पान पर बनाये स्वस्तिक पर स्थापित कर दें। इसके बाद आंखें बंद करके हाथ जोड़कर गणेशजी का ध्यान करते हुए अपनी समस्याओं एवं कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें। इसके बाद सुपारी सहित पान का बीड़ा बना कर जल में प्रवाहित कर दें। यह उपाय कष्ट मुक्ति होने तक बुधवार के दिन करते रहे।
  • यदि आपको लगता है की अचानक से आपकी दूकान की बिक्री काम हो गयी है और ऐसा किसी के द्वारा कराये गए टोटके के कारण से हो रहा है तो इससे मुक्ति के लिए प्रातः काल दुकान खोलने के साथ ही पान के सादे डंडीदार ९ पत्ते प्राप्त करें। इन्हें डंडियों से एक ही धागे से थोड़े थोड़े अंतराल पैर बांध कर बांदरवाल (जगमाला) बना लें। इस बांदरवाल (जगमाला) को दूकान के पूर्व की तरफ बांध दें। दूसरे दिन इन पत्तों को जल में प्रवाहित कर दें अथवा पीपल वृक्ष की जड़ों में डाल दें। यह उपाय शनिवार को प्रांभ करना है और लगातार ९ बार करना है।
  • रोग मुक्ति के लिए आप श्रवण मास के सभी दिनों में, शिवरात्रि को तथा प्रत्येक सोमवार को एक पान का पत्ता लेकर उस पर कत्था लगाकर गुलकंद, एक हरी इलायची, थोड़ा खोपरे का बूरा तथा थोड़ी सौंफ रख कर बीड़ा बना लें। शिवजी को नेवैद्य अर्पित करने के बाद यह पान भी अर्पित करें।
  • नजरदोष से मुक्ति हेतु पीड़ित जातक की नकारात्मक सोच, हताशा – निराशा को समाप्त करने हेतु पान में थोड़ी गुलकंद के साथ ९ गुलाब की पंखुड़ियां रख कर खिलाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी और नजरदोष का प्रभाव कम होगा।
  • पाप मुक्ति हेतु पान का दान करना चाहिए। पान के पत्ते से व्यक्ति के पाप कटते है। जो व्यक्ति अपने मन में बेचैनी का अनुभव करते है, वे सोचते है की उनसे कोई गलत काम हुआ है तो ऐसे लोगो को पान का दान करना चाहिए। उन्हें सदा पान लगवा कर किसी को दान करना चाहिए अथवा इसका बीड़ा बनवा कर जल में प्रवाहित कर दें। मन में निश्चय करें की किये गए कार्य से पाप मुक्ति हो और भविष्य में कोई गलत कार्य नहीं होगा।
  • विवाह में बाधा या रुके हुए कार्यों की बाधा दूर करने में पान का प्रयोग किया जा सकता है। जब भी कभी किसी युवक को कोई देखने के लिए आये तो किसी को बिना बताएं पान की डंडी को थोड़ा घिस कर इससे प्राप्त रस का टीका लगा लें। शीघ्र ही रिश्ता होने के अवसर बनने लगेंगे।

 

प्रिये मित्रों अपनी कुंडली में सर्व दोषों के स्थाई निवारण हेतु हमसे संपर्क करें।
संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com

 

आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया मैसेज कर हमें बताएं

ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

1 thought on “उपाए एवं टोटके भाग – ५ (Upaye Evam Totke Part – 5)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *