योनि का फल (Yoni Ka Fal)

          जब भी आप अपनी जन्म कुंडली देखेंगे तो उसमे आपकी योनि का नाम लिखा होगा। हमारे ग्रंथों में ८४ लाख योनियां बताई गई हैं, अर्थात संसार में इतने प्रकार के प्राणी मौजूद हैं। मनुष्य योनि सबसे उत्तम है और सभी योनियों का मध्य माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि हम भले ही मनुष्य योनि में जन्म लें लेकिन जिस नक्षत्र में हमारा जन्म होता है हम पर उस नक्षत्र की योनि का प्रभाव पड़ता है। नक्षत्र की योनि के प्रभाव से हमारा स्वभाव, व्यवहार और व्यक्तित्व भी प्रभावित होता है। आइए देखते हैं कि किस योनि में व्यक्ति का स्वभाव और व्यक्तित्व कैसा होता है।

  • अश्व योनि : जिस व्यक्ति का जन्म अश्व योनि में होता है वह व्यक्ति स्वेच्छाचारी अर्थात अपने मन के अनुसार चलने वाला होता है। यह व्यक्ति किसी और का कहा नहीं मानता है, जो भी इनका मन कहता है वे उसी को मानते हैं। इस योनि में जन्म लेने वाले व्यक्ति बहुत ही गुणी होते हैं। ये काफी बहादुर और हिम्मत वाले होते हैं। ये प्रभावशाली और ओजस्वी होते हैं, ये अपने आस-पास के लोगों पर अपना प्रभाव कायम करने में सफल होते हैं। इनका यश दूर दूर तक फैलता है और ये सम्मान प्राप्त करते हैं। इनकी आवाज़ में घरघराहट रहती है।
  • गज योनि : जो व्यक्ति गज योनि में जन्म लेते हैं वे बहुत ही बलवान व शक्तिशाली होते हैं। इस योनि के जातक बहुत ही उत्साही होते हैं। ये हर प्रकार का सांसारिक सुख प्राप्त करते हैं। बड़े-बड़े लोगों एवं प्रतिष्ठित लोगों से इन्हें मान सम्मान एवं आदर प्राप्त होता है।
  • गौ योनि : ज्योतिष शास्त्र के नियमों के अनुसार जिन लोगों का जन्म गौ योनि में होता है वे सदा उत्साहित और आशावादी रहते हैं। ये किसी बात से निराश नहीं होते हैं और सदैव भविष्य की ओर देखते हैं। ये मेहनती होते हैं और परिश्रम से पीछे नहीं हटते हैं। इस योनि के जातक बातों में निपुण होते हें, अपनी बातों से ये लोगों का दिल जीतना खूब जानते हैं। ये व्यक्ति स्त्रियों को प्रिय होते हैं यानी स्त्रियां इनकी ओर आर्किषत रहती हैं। इस आयु के जातक की आयु कम रहती है।
  • सर्प योनी : जो व्यक्ति सर्प योनि में जन्म लेता है वह व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है। इन्हें बहुत अधिक क्रोध और गुस्सा आता है, क्रोध आने पर उसे नियंत्रित कर पाना इनके लिए कठिन होता है। इस योनि के जातक का स्वभाव रूखा होता है, इनमें दया और ममता की कमी होती है। इनका मन अस्थिर और चंचल होता है, ये किसी विषय में अधिक गम्भीरता से नहीं सोच पाते। ये अच्छे -अच्छे खाने और व्यंजन के शौकीन होते हैं। ये किसी के उपकार को नहीं मानते हैं।
  • श्वान योनि : श्वान योनि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है। वह व्यक्ति बहुत बहादुर और साहसी होता है। इस योनि के जातक उत्साही और जोश से भरे होते हैं। ये मेहनती और परिश्रमी होते हैं। ये अपने माता-पिता की खूब सेवा करते हैं, उन्हें भगवान की तरह आदर देते हैं। दोस्तों एवं अड़ोस-पड़ोस के लोगों की पूरी पूरी सहायता करने वाला होता है। इनमें एक प्रमुख कमी यह होती है कि ये अपने भाई बंधुओं से छोटी-छोटी बात पर लड़ पड़ते हैं।
  • मार्जार योनि : मार्जार यानि में जन्म लेने वाला जातक बहुत ही बहादुर और हिम्मत वाला होता है। ये निडर होते हैं और किसी भी हाल में डरते नहीं हैं। इनका स्वभाव बहुत अच्छा नहीं रहता है ये लोगों के प्रति दुष्टता का भाव रखते हैं। ये सभी प्रकार के कार्य करने में सक्षम होते हैं तथा मिठाईयों के शौकीन होते हैं।
  • मेष योनि : जिनका जन्म मेष योनि में होता है वे युद्ध के मैदान में अपने पराक्रम को दिखाते हैं। ये पराक्रमी और महान योद्धा होते हैं। इनमें उत्साह भरा होता है, ये धन-दौलत से परिपूर्ण ऐश्वर्यशाली, भोगी तथा दूसरों पर उपकार करने वाला होता है। इस योनि का जातक मेहनती होता है।
  • मूषक योनि : जिन व्यक्तियों का जन्म मूषक योनि मे होता है वे काफी बुद्धिमान और चतुर होते हैं। ये अपने काम में तत्पर और सजग रहते है। ये जो भी कदम उठाते हैं उसमें काफी सोच विचार कर और समझदारी से आगे बढ़ते हैं। ये आसानी से किसी पर विश्वास नहीं करते, और सदैव सचेत रहते हैं इनके पास काफी धन होता है।
  • सिंह योनि : इस योनि में जन्म लेने वाला जातक धर्म का आचरण करने वाला धर्मात्मा होता है। इनमें स्वाभिमान भरा होता है। ये गुणवान होते हें। इनका आचरण व व्यवहार नेक और सरल होता है। ये अपने निश्चय यानी इरादों के पक्के होते हैं। इनमें साहस और हिम्मत कूट-कूट कर भरा होता है। ये अपने कुटुम्ब एवं परिवार वालों का पूरा-पूरा ख्याल रखते हैं।
  • महिष योनि : महिष यानी भैंस योनि में जन्म लेने वाले व्यक्ति कुछ मंद बुद्धि के अर्थात कम बुद्धि वाले होते है। मार पीट एवं युद्ध में इन्हें सफलता मिलती है ये काम के प्रति बहुत अधिक उत्साही होते हैं। इन्हें कई संतानों का ख्याल रखना पड़ता है अर्थात इनके कई बच्चे होते हें। इन् वात रोग का सामना करना होताह है।
  • व्याघ्र योनि : व्याघ्र योनि में जन्म लेने वाला व्यक्ति सभी प्रकार के काम में कुशल होता है। ये किसी के अधीन रह कर काम करना पसंद नहीं करते हैं, ये स्वतंत्र रूप से काम करके धन अर्जन करने वाले होते हैं। इस योनि के जातक अपने मुंह मियां मिट्ठू होते हैं यानी अपनी तारीफ अपने मुंह से करने वाले होते हैं। ये अपने आपको बढ़ा चढ़ा कर बताने वाले होते हैं।
  • मृग योनि : जो व्यक्ति मृग योनि में जन्म लेते हैं वे कोमल हृदय के व्यक्ति होते हैं। इनका व्यवहार नम्र और प्रेमपूर्ण होता है। ये शान्त मन के व्यक्ति होते हैं। सच्चे विचारों के और सत्य बोलने वाले होते हैं। ये धर्म कर्म मे आस्था रखने वाले होते हैं। ये अपने भाई बंधुओं से प्रेम करते हैं। ये स्वतंत्र विचारों के होते हैं और लड़ाई-झगड़े दूर रहने वाले होते हैं।
  • वानर योनि : जिस व्यक्ति का जन्म वानर योनि में होता है वह चंचल स्वभाव का होता है। ये बात बात पर लड़ाई करने हेतु तत्पर हो जाते हैं। ये काफी बहादुर और हिम्मत वाले होते हैं। इनमें काम के प्रति काफी उत्तेजना रहती है। इन्हें मीठा काफी पसंद होता है। ये अधिक से अधिक धन प्राप्त करने की चाहत रखते हैं। इनका घर संतान की किलकारियों से गूंजता रहता है।
  • नकुल योनि : जिन व्यक्तियों का जन्म नकुल योनि में होता है वे हर काम में पारंगत होते हैं। ये किसी भी काम को कुशलता पूर्वक करने में सक्षम होते हैं। परोपकार में ये तन, मन, धन से जुटे रहते हैं। ये विद्या के धनी विद्वान होते हैं तथा माता पिता की सेवा एवं भक्ति हृदय से करते हैं।

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

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