रुद्राक्ष एवं इसका महत्व (Rudraksh Evam Iska Mahatva)
रुद्राक्ष दो शब्दों से बना है ” रूद्र” अथार्थ अन्तरिक्ष के देवता को रूद्र कहते है जिसके विषय में निरुक्त में भाष्कराचार्य ने सपष्ट किया है की अन्तरिक्ष में स्थित रूद्र मेघ और विद्युत् के माध्यम से कार्य करता है। “अक्ष ” नेत्र या आँख से सम्बंधित किया गया है। यहाँ पर बात यह सपष्ट होती है की आशुतोष भगवान् शिव की कल्याणकारी दृष्टि जो की धारण करने वाले के लिए अत्ति कल्याण कारी होता है और जीवन में आने वाले प्रत्येक खतरों से सुरक्षित करता है तथा रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन को सुखद, सरल, और आनंदमय बनता है । रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की सम्पूर्ण शारीरिक, भौतिक, एवं दैविक विप्ताये सवयम नष्ट हो जाती है। जो भी व्यक्ति श्रधापुर्वक रुद्राक्ष को धारण करता है उसको अप्रत्याशित लाभ होता है।
- एक मुखी रुद्राक्ष : यह साक्षात् भगवान् शिव का सवरूप है। इस से भक्ति और मुक्ति दोनों की प्राप्ति होती है। सर्व मनोरथ पूर्ण होता है। धारण करने वाला व्यक्ति पवित्र और पापो से मुक्त हो जाता है।
- दो मुखी रुद्राक्ष : दो मुखी रुद्राक्ष को शिव शक्ति का रूप माना जाता है। इस रुद्राक्ष को शिव और शक्ति के भक्त पहन सकते है। इसको धारण करने से घर में सुख शांति और धन धन्य की परिपूर्णता रहती है। यह रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का रूप है। औरतो के लिए अत्ति कल्याण कारी होता है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष : यह रुद्राक्ष अग्नि का रूप माना जाता है। इसको धारण करने से स्वास्थय , विद्या , धन की प्राप्ति होती है। इसको ब्रह्मा विष्णु महेश का रूप माना जाता है।
- चार मुखी रुद्राक्ष : चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का रूप माना जाता है, इसको धारण करने से रोग दूर होता है। विद्या प्राप्ति के लिए अत्ति विशेष रुद्राक्ष है।
- पांच मुखी रुद्राक्ष : इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान् शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसको धारण करने से भाग्य साथ देता है तथा व्यक्ति हर तरह के पाप से मुक्त होता है। इसकी माला धारण करने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष : इसको धारण करने से व्यक्ति को शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है। मानशिक उलझनों से मुक्ति मिलती है । व्यक्ति सर्व सुख संपन्न और विद्या में धनि होता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष : सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति व्यापार में नौकरी में अत्ति सफलता को प्राप्त करता है। जहा सात मुखी रुद्राक्ष होता है वह धन का अभाव नहीं रहता है । व्यक्ति को मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
- आठ मुखी रुद्राक्ष : आठ मुखी रुद्राक्ष भगवान् गणेश का रूप है। इसको बटुक भैरव का रूप भी मन जाता है। इसको धारण करने से आयु में वृद्धि होती है तथा भगवान् शिव की कृपा प्राप्त होती है । यह रुद्राक्ष सीधी दायक होता है।
- नौ मुखी रुद्राक्ष : यह रुद्राक्ष धर्मराज का रूप है। शिव पुराण में इसको माँ दुर्गा का रूप माना गया है। इसको धारण करने से मृतु का भय नहीं रहता है। सभी पापो से मुक्त होकर व्यक्ति सुख सम्पन्नता को प्राप्त होता है। देवी के भक्त इसको धारण करे तो अत्ति लाभ प्राप्त होगा।
- दस मुखी रुद्राक्ष : इस रुद्राक्ष को भगवन विष्णु का रूप माना गया है। इसको धारण करने से सर्व कार्य सिद्ध होता है। तथा व्यक्ति के किये हुए कार्यो का यश सर्व व्यापी होता है। मस्तिक रोग का नाश करता है। संतान प्राप्ति में सहायक होता है।
- एग्यारह मुखी रुद्राक्ष : इसको एक मुखी रुद्राक्ष का प्रतिरूप माना जाता है। इसको धारण करने से सदा सुख में वृद्धि होती है। इसको धारण करके बाद सभी कार्यो में सिद्धि प्राप्ति होती है। धारक सब का प्रिये होता है।
- बारह मुखी रुद्राक्ष : इस रुद्राक्ष को भगवान् विष्णु का रूप माना जाता है। इसको धारण करने से व्यक्ति निर्धन से धनि हो जाता है । व्यक्ति निरोग रहता है । व्यक्ति को किसी प्रकार का भये नहीं रहता है। तथा जीवन के हर दिशा में सफलता प्राप्त होती है।
- तेरह मुखी रुद्राक्ष : इस रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य राजसी मान सम्मान प्राप्त करता है। यह रुद्राक्ष समस्त कामनाओ एवं सिद्धि दाता है । पापो से मुक्ति देता है। शारीर के आन्तरिक रोगों को दूर करता है।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष : चौदह मुखी रुद्राक्ष को भगवान् शिव का रूप माना जाता है और महावीर हनुमान जी का रूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष सोभाग्य में वृद्धि करता है। लोक परलोक का सुख देता है।
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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान