उपाए एवं टोटके भाग – ८ (Upaye Evam Totke Part – 8)
- दीर्घ जीवन एवं आरोग्य हेतु : मंत्र – ‘ॐ जूं सः मम् पालय – पालय सः जूं ॐ । इस मंत्र का नियमपूर्वक जप करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति प्रातः काल पवित्र होकर ऊन के आसन पर बैठकर उत्तर की ओर मुंह करके घी का दीपक जलाकर शिवपूजन कर इस मंत्र का रुद्राक्ष की माला से एक माला जप नियमित करता रहे, तो वह शारीरिक व्याधियों से सुरक्षित रहकर दीर्घायु होगा।
- आधाशीशी दर्द निवारण के लिए : यह मंत्र गुरु गोरखनाथ से संबंधित है। जो व्यक्ति आधाशीशी (माइग्रेन) से पीड़ित हो, उसे निम्नलिखित मंत्र से झाड़ दें। पीड़ित व्यक्ति को अपने सामने बैठाकर लोहे की धार वाली किसी भी वस्तु जैसे चाकू से रेखा खींचते जाएं तथा मंत्र पढ़ते जाएं। यह क्रिया प्रातः और सायं इक्कीस इक्कीस बार करें, आधाशीशी का दर्द दूर हो जाएगा।
मंत्र – नमो वन में बिंआयी बन्दरी। खाय दुपहरिया, कच्चा पफल कन्दरी। आधा खाय के आधी देती गिराय। हूंकत गोरखनाथ के आधी शीशी जाए। - रक्षा मंत्र : यह स्वयं सिद्ध हनुमान जी का शाबर मंत्र है। किसी भी मंत्र, तंत्र, यंत्र की सिद्धि करने से पहले या कहीं झाड़ फूंक करने से पहले यदि इसे तीन बार पढ़ लिया जाए तो शरीर की रक्षा होती है। ¬नमो वज्र का कोठा। जिसमें पिंड हमारा पैठा। ईश्वर कुंजी। ब्रह्मा का ताला। मेरे आठो याम का यती हनुमंत रखवाला।
- नजर दोष निवारण के लिए : जब किसी बालक, युवा या वृद्ध व्यक्ति को नजर लग जाती है तो वह अस्वस्थ रहने लगता है। उसे ज्वर रहने लगता है और उसका। खाना छूट जाता है। ऐसी स्थिति में कोई दूसरा व्यक्ति चुपचाप चौराहे से थोड़ी सी धूल ले आए। इसमें थोड़ा साबुत नमक, राई (सरसों), सात लाल मिर्चें (साबुत) मिलाकर शनिवार व रविवार को सुबह, दोपहर और शाम अर्थात दिन में तीन बार उस पीड़ित व्यक्ति के सिर पर सात बार घुमाकर जलती हुई आग में (चूल्हे में) डाल दें, वह व्यक्ति शीघ्र ठीक हो जाएगा।
- घर में सुख शांति हेतु : यदि किसी व्यक्ति के घर में रोज झगड़े होते हों, कार्यों में बाधाएं आ रही हों और उस घर के लोगों को शांति नहीं मिल रही हो, तो यह प्रयोग 21 दिन तक सूर्यास्त के समय करे। गाय का आधा किलो कच्चा दूध ले और उसमें शुद्ध शहद की नौ बूंदें मिला दे। फिर स्नान कर पवित्र होकर धुले हुए साफ वस्त्र पहनकर अपने आवास की खुली छत से उस दूध के छींटे देते हुए नीचे की ओर आए तथा प्रत्येक कमरे में दूध की छींटे मारे। आंगन आदि खुली जगह में भी दूध के छींटे मारे तथा मुख्य दरवाजे पर आकर बाहर दूध की धार डालते हुए पूरे दूध को वहीं गिरा दे। इस क्रिया के दौरान अपने इष्टदेव के मंत्र का जप करता रहे। इससे घर में शांति, सुख, समृद्धि वापस आ जाती है।
- शत्रु शांत करने हेतु : यदि कोई व्यक्ति आपके विरुद्ध बोलता है या बाधाएं डालता है, तो रविवार या मंगलवार को उठकर बासी मुंह अपने मन में उसे तीन बार गाली दें। फिर सफेद कागज पर उस शत्रु का नाम काली स्याही से लिखकर काले धागे में लपेटकर रख लें। सायंकाल उसे पीपल वृक्ष की जड़ में नीचे दबा आएं। वहां फिर जाने की जरूरत नहीं है। इस प्रयोग से शत्रु शांत हो जाएगा।
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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान