दुर्लभ मच्छमणि (Durlabh Machh Mani)

          अपने आम तोर पर वेबसाइट्स पर, ज्योतिषियों और विद्वानों से दुर्लभ मच्छमणि के बारे में सुना होगा। यह दुर्लभ नहीं है बल्कि भरी मात्रा में हमारे देश में पाई जाती है। परन्तु असली और शुद्ध मच्छमणि ढूँढना मुश्किल है। आज के इस संसार में हर कोई धोखा करके आमिर बनना चाहता है। नकली मच्छमणि ५०-१०० रु में ले कर हज़ारों की बेच कर मोटा मुनाफा कमाया जाता है। आज कल ऑनलाइन डुप्लीकेट सर्टिफिकेट्स के साथ उपलब्ध करवाना कोई बड़ी बात नहीं। इसको खरीद कर खुद सर्टीफी करवा कर पहने। क्योंकि ओरिजिनल मच्छमणि पहन कर कई लोगों की किस्मत पलट जाती है। आओ जानते हैं मच्छमणि के लाभ और कोण इसको पहन।
          कुंडली में पापी ग्रह राहू ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए इस मणि से बेहतर और कोई मणि नहीं हैं। यह धारणकर्ता को राहु ग्रह के कारन हुए सभी प्रकार के तनावों से मुक्त कर एक सुखी जीवन व्यतीत करने का रास्ता दिखलाती है। इस मणि को धारण करने के बाद राहू ग्रह की पीड़ा शांत होती हैं। इस मणि के बारें में लोगों को अधिक जानकारी न होने के कारण यह अधिक प्रचलन में नहीं आ सका। कलयुग में व्यक्ति का जीवन भगादौडी वाला हो गया हैं, अच्छा जीवनयापन सभी चाहते हैं परन्तु हालात सभी के लिए एक जैसे नहीं रहते, जीवन में कई बार धन-संपत्ति, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में दिक्कते आती हैं, ऐसे में अपनी इच्छाओं की पूर्ति और उत्तम स्वास्थ्य के लिए हम आपके लिए लेकर आये हैं मच्छमणि। अगर जीवन से हताश या निराश हैं तो, इस मणि को जरुर धारण करें |          

          कहा जाता है कि मच्छमणि श्रीलंका के समुद्र में बहुत गहरे पानी में रहने वाली मछली के पेट में बनती हैं। पूर्णिमा की रात्रि को यह मछली समुद्र के तट पर तैरती हैं, उस समय मछुआरे मछली को अपनी टोकरी में पकड़ते हैं और अपने अनुभव से उनकों यह ज्ञात होता हैं कि कौनसी मछली के पेट में मच्छमणि है, मछली के पेट को दबाते ही मछली मच्छमणि को बाहर निकाल देती हैं और फिर मछुआरे उस मछली को पानी में वापिस छोड़ देते हैं। इस प्रकार से बड़े ही कड़े परिश्रम के बाद इस मच्छमणि की प्राप्ति होती हैं।

  • राहू ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए या राहू की महादशा या अन्तर्दशा चल रही हैं, तोमच्छ मणि को धारण करना लाभदायक होता हैं।
  • अगर आप ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने के सपने देखते है परन्तु धन के आभाव से सभी सपने साकार होने से पहले ही मुरझा जाते है तो मच्छमणि आपको अवश्य धारण करना चाहिए।
  • जो जातक राजनीति में पूर्ण रूप से सक्रिय है और सफल होने की इच्छा रखते है, उन्हें मच्छमणि जरुर धारण करना चाहिए।
  • यदि कोई जातक त्वचा सम्बन्धी रोगों से परेशान है या पाचन से सम्बंधित कोई रोग बार-बार परेशान कर रहा है, खांसी या क्षय और
  • यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है, कालसर्प दोष के कारण जीवन में आए दिन नई नई मुसीबतें आ रही है, मानसिक शारीरिक तथा आर्थिक कष्ट बढ़ रहे है तो मच्छमणि रत्न अवश्य धारण करना चाहिए, इस रत्न के प्रभाव से कालसर्प दोष के कारण उत्पन्न होने वाले कष्टों का निवारण बहुत जल्दी हो जाता है।
  • वास्तु दोष निवारण के लिए मच्छमणि धारण करना चाहिए। घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भी यह मणि लाभदायक होता हैं।
  • नजरदोष, शरीर में थकावट, केमुद्र्म दोष, गुरु चांडाल दोष, ऊपरी बाधा, व्यापार में बाधा आदि को दूर करने के लिए मच्छमणि धारण करना चाहिए।
  • यह रत्न शत्रुओं से हमारी रक्षा करता है तथा मनोबल में वृद्धि करता हैं। जब भी घर में बच्चों को या घर के किसी व्यक्ति को किसी कोने या कमरे में अनजान वस्तु या छाया का अहसास हो या डर हो तो इस मणि को जरुर धारण करना चाहिए।
  • राहु कि महा दशा/आंतर दशा चल रही हौं तो रात को एक कटोरे में मणि रख कर ऊस पर समुद्री नमक से भरें सुबह मणि को कच्चे दुध एवं गंगा जल से धो कर कलाई पर बांध लें, गायमाता को गुड एवं रोटी खिलायें, यदि हो सके तो मछली को खिलायें।
  • कुंडली मे राहु गृह जन्मपत्री मे राहु गृह गोचर या दशा मे पीड़ित होने पर व्यक्ति की मतिभ्रम, छल-कपट, झूठ बोलना, चोरी, तामसिक भोजन, ज्यादा नशा करना, षड्यंत्र, छिपे शत्रु, अनैतिक कर्म, आलस्य, नकारात्मक सोच व टोने टोटका, तंत्र मंत्र से पीड़ित होता है। ऐसे व्यक्ति को मच्छ मणि हाथो या गले मे बुधवार को मंत्र जाप कर धारण करनी चाहिए।
  • काला जादू (ब्लैक मेजिक) जन्मपत्री में अशुभ योग, नजर दोष,व्यापार में रूकावट ईत्यादि के लिए रात को गंगा जल में रखे,सुबह को कच्चा दूध, शहद,घी और दहि के मिश्रण में रखें, गंगाजल से धोकर हनुमानजी के चरणों का सिंदुर से मस्तिष्क पर तिलक करें एवं ऊ हनुमंते नम: का 108 बार मंत्र जाप करें एवं धारण करें।
  • वास्तु दोष निवारण के लिए रात को कच्चे दूध में डुबो कर रखें,सुबह गंगा जल से धोकर शिवलिंग पर रखकर दुध एवं जल का अभिषेक करें, घरके मुख्य द्वार पर टांग दे।
  • जब भी हमे या बच्चो को घर के किसी कमरे या कोने मे अनजान वस्तु / छाया का अहसास हो, तो वहां पर कांच के बर्तन मे दो मच्छ मणि पानी मे रखने से नरात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कुछ ही मिनटों मे हो जाएगा।
  • राहू मकर राशि का स्वामी है, अतः मकर राशि वाले लोगों के लिए मच्छमणि धारण करना लाभदायक होता है। मिथुन, तुला, वृष या कुंभ राशि के लोगों को मच्छमणि अवश्य धारण करना चाहिए। राहू अगर दूसरे, तीसरे, नौवें या एकादश भाव में हो तो मच्छमणि पहनना चाहिए। राहू यदि केंद्र अर्थात 1, 4, 7 या 10 वे भाव में हो तो मच्छमणि अवश्य धारण करना चाहिए। बुध या शुक्र के साथ राहू की युति बन रही हो तो मच्छमणि फायदेमंद होता है।
  • किडनी रोग, पेट रोग, निराशा, राहु गृह के शुभ प्रभाव बढ़ाने के लिए, काल सर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष, अंगारक दोष, नारात्मक जिद्दीपन, शरीर मे थकावट, नजर दोष, ऊपरी बाधा व व्यापार बंधन के लिए मच्छमणि को साबुत नमक के पानी मे भिगो कर काम से काम २४ घंटे तक रखें। उसके बाद निकाल कर गंगाजल से धो कर राहु मंत्र (ॐ रां राहवे नमः) से 108 बार अभिमंत्रित कर चाँदी धातु की मुंदरी में मध्यमा उंगली या लॉकेट बना कर गले में बुधवार या शनिवार को धारण करना चाहिए।

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

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