धन दायक ग्रहों की स्थिति (Dhan Dayak Grahon Ki Sthiti)
इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए कई प्रयास करता है। कई बार असंख्य प्रयास करने पर भी पर्याप्त धन प्राप्त नहीं होता। परन्तु कुछ व्यक्ति थोड़ा सा प्रयास करके ही अपार धनवान बन जाते हैं। यह सब हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर ही निर्भर करता है। आइए जानते हैं ग्रहों की कुछ ऐसी स्थितियां जो जातक को अवश्य ही धन से मालामाल करने में सक्षम हैं।
- यदि भाग्येश एवं लग्नेश की युति २, ४, ५, ७वें भाव में हो तो जातक अपार धनवान होता है।
- यदि भाग्येश एवं लाभेश के स्वामी की युति २, ४, ५, ७वें भाव में हो तो जातक अपार धनवान होता है।
- यदि भाग्येश एवं दसमेश के स्वामी की युति २, ४, ५, ७वें भाव में हो तो जातक अपार धनवान होता है।
- यदि भाग्येश एवं सुखेश के स्वामी की युति २, ४, ५, ७वें भाव में हो तो जातक अपार धनवान होता है।
- यदि वर्षभ लग्न में शनि २, ४, ५, ७वें भाव में हो तो जातक अखंड धनवान होता है।
- यदि जातक की कुंडली में शुक्र लग्न १, ४, ५, अथवा ११वें भाव में हो तो धन के लिए शुभ होता है।
- यदि जातक की कुंडली में शनि ३, ६ अथवा ११वें भाव में हो तो यह धन दायक होता है।
- यदि जातक की कुंडली में बुध १, २ अथवा ७वें भाव में हो तो यह जातक को धन से संबंधित विषयों में भाग्योदय करवाता है।
- यदि जातक की कुंडली में गुरु १, २, ३, ५ , ६, ७ अथवा ९वें भाव में हो तो जातक को धन लाभ देता है।
- यदि जातक की कुंडली में सूर्य २, ४ अथवा ११वें भाव में हो तो यह स्थिति जातक के लिए धन दायक होती है।
- जिस जातक की कुंडली में चन्द्रमा ३, ९, १० अथवा ११वें भाव में हो उसके लिए धन पक्ष के हिसाब से लाभ प्रद होता है।
- यदि जातक की कुंडली में मंगल १, १० अथवा ११वें भाव में हो तो यह स्थिति जातक के लिए धनदायक होती है।
- यदि केतू ३, ६ अथवा ११वें भाव में हो तो विशेष धनदायक होता है।
- यदि जातक की कुंडली में राहू ३ अथवा ११वें भाव में हो तो यह अचानक धन लाभ करवाता है।
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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान