नक्षत्रों के नाम एवं देवता (Nakshatron Ke Naam Evam Devta)
नक्षत्रों के नाम :
१. अश्विनी २. भरिणी ३. कृत्तिका ४. रोहिणी
५. मृगशिरा ६. आर्द्रा ७. पुनर्वसु ८. पुष्य
९. आश्लेषा १०. मघा ११. पूर्वा फाल्गुनी १२. उत्तरा फाल्गुनी
१३. हस्त १४. चित्रा १५. स्वाति १६. विशाखा
१७. अनुराधा १८. ज्येष्ठा १९. मूल २०. पूर्वाषाढा
२१. उत्तराषाढा २२. श्रवण २३. धनिष्ठा २४. शतभिषा
२५. पूर्वाभाद्रपद २६. उत्तरा भाद्रपद २७. रेवती २८. अभिजीत
आज की ज्योतिष में अभिजीत नक्षत्र को २८वां नक्षत्र माना गया है। वैदिक ज्योतिष में इस नक्षत्र का उल्लेख नहीं मिलता। उत्तराषाढ़ की आखिरी १५ घटी और श्रवण की प्रारंभ की ४ घटी इस प्रकार १९ घटियों के मान वाला अभिजीत नक्षत्र होता है। यह समस्त कार्यों में शुभ माना जाता है। एक नक्षत्र के ४ भाग होते हैं, जो चरण कहलाते हैं और प्रत्येक नक्षत्र का एक स्वामी होता है।
नक्षत्रों के देवता :
- अश्विनी – अश्विनी कुमार
- भरणी – काल
- कृत्तिका – अग्नि
- रोहिणी – ब्रह्मा
- मृगशिरा – चन्द्रमा
- आर्द्रा – रूद्र
- पुनर्वसु – अदिति
- पुष्य – बृहस्पति
- आश्लेषा – सर्प
- मघा – पितर
- पूर्व फाल्गुनी – भग
- उत्तराफाल्गुनी – अर्यमा
- हस्त – सूर्य
- चित्रा – विश्वकर्मा
- स्वाति – पवन
- विशाखा – शुक्राग्नि
- अनुराधा – मित्र
- ज्येष्ठा – इंद्र
- मूल – निऋति
- पूर्वाषाढ़ – जल
- उत्तराषाढ़ – विश्वेदेव
- श्रवण – विष्णु
- धनिष्ठा – वसु
- शतभिषा – वरुण
- पूर्वाभाद्रपद – आजैकपाद
- उत्तराभाद्रपद – अहिर्बुधन्य
- रेवती – पूषा
- अभिजीत – ब्रह्मा
प्रिये मित्रों अपनी कुंडली में सर्व दोषों के स्थाई निवारण हेतु हमसे संपर्क करें।
संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com
आपको यह जानकारी कैसी लगी कृपया मैसेज कर हमें बताएं
ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान