बुध ग्रह के उपाए (Budh Greh Ke Upaye)

बुध ग्रह वाणी, बुद्धि, विवेक,बिज़नेस अदि का करक है। बुध दो राशियों मिथुन व कन्या का स्वामी है और जन्म कुंडली में ३रे व ६ठे घर मालिक है। कुंडली में बुध के प्रभाव को अनुकूल बनाने हेतु बुध का अध्ययन करके इससे सम्बंधित वस्तुओं से बुध के बलाबल को बढ़ाया या काम किया जा सकता है। कुण्डली में जब किसी ग्रह का सहयोग प्राप्त न होने की स्थिति में उस ग्रह से जुडे उपाय करने से ग्रह का शुभ सहयोग प्राप्त होता है। ये उपाय ग्रह से संबन्धित कार्यो में भी किये जा सकते है। इसी तरह बुध से संबधित अन्य कार्यो में भी बुध के उपाय करना हितकारी रहता है।

वस्तुओं को धारण करना :

बुध ग्रह के बलाबल को अधिक बढ़ने हेतु बुध की वस्तुओं को शरीर पे धारण किया जाता है। जैसे के हरा कपडा पहनना, पन्ना नग चाँदी या स्वर्ण में शुक्ल पक्ष के बुधवार को बुध के होरे में पहनना। हरा हकीक चाँदी में पहनना। बुध से सम्बंधित सबूत हरी मूंगी ज्यादा खाना। किन्नरों का आशीर्वाद लेना।

वस्तुओं का दान :

बुध के लिये किये जाने वाली वस्तुओं में हरी मूंग की दाल आती है। बुध की वस्तुओं में तांबे का दान भी किया जा सकता है। बुध की वस्तुएं दान करने पर बुद्धि व शिक्षा कार्यो में सफलता मिलती है. ये दान प्रत्येक बुधवार को किये जा सकते है। दान कि मात्रा अपने सामर्थ्य के अनुसार लेनी चाहिए।

वस्तुओं से स्नान :

बुध की वस्तुओं का स्नान करने के लिये स्नान के पानी में साबुत चावल के दाने डालकर स्नान किया जाता है। तांबे के बर्तन में जल भरकर रात भर रखने के बाद इस जल को ग्रहण किया जाता है। ऐसा करने पर तांबे के गुण जल के साथ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते है। तथा बुध से जुडे रोगों होने पर यह उपाय करने पर लाभ प्राप्त होता है। इस उपाय को करते समय बुध के मंत्र का जाप करने पर उतम फल प्राप्त होते है।

मंत्र :

बुध मंत्र में “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:”  का जप करना चाहिए.  इस मंत्र का एक माला अर्थात १०८ बार जाप करने से बुध ग्रह की शान्ति होती है. बुध ग्रह जब गोचर में व्यक्ति के अनुकुल फल नहीं दे रहा हों तो इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए। बुध की महादशा के शुभ फल पाने के लिये बुध की महादशा अन्तर्दशा में नियमित रुप से इस मंत्र का जाप करना लाभकारी रहता है। इससे अतिरिक्त बुध के तंत्रोक्त मंत्र ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र का जाप ९०००  में करना अत्यन्त शुभ होता है।

यंत्र :

बुध यंत्र को अपने या अपनी संतान के अध्ययन कक्ष में लगाने से शिक्षा में उतम फल प्राप्त होने की संभावना बनती है। इस यंत्र को विशेष रुप से अपने व्यापारिक क्षेत्र में लगाने से व्यापार में उन्नति की संभावनाएं बनती है। इस यन्त्र को भोजपत्र या फिर कागज पर स्वयं बनाते समय इसके लिये अनार की कलम व स्याही के लिये लाल चन्दन, कस्तूरी व केसर की स्याही का प्रयोग किया जाना चाहिए। यन्त्र का निर्माण करते समय शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक होता है। यन्त्र तैयार होने के बाद इसे व्यापार वृ्द्धि के लिये इसे व्यापारिक क्षेत्र में लगाने से लाभ व उन्नति प्राप्त होने की संभावनाएं बनती है।

ग्रह कीलन :

रावणी विद्या में चंद्र ग्रह को छोड़ कर बाकी सभी ग्रहों का कीलन करने का विधान है। जिसमें एक विशेष विधि द्वारा ग्रह की विशेष सामग्री को एक शुभ तथा निश्चित समय में सिद्ध मंत्रों द्वारा कीलन करके दबाया जाता है। यह विधि अत्यन्त गोपनीय है और लाखों में कोई इक्का-दुक्का ज्योतिषी ही हैं जो ग्रह कीलन की विधि को विस्तार से जानते हैं। प्रिये मित्रों मैने अपने जीवम में इतने शीघ्र फल देने वाला उपाए कभी नहीं देखा। मेरे अनुभव के अनुसार ग्रह कीलन सबसे तेज एवं कारगर उपाए  है जो की ७२ घंटे में ही अपना असर दिखा देता है। मेरे गुरुदेव जी की असीम कृपा से मुझे यह विद्या एवं संपूर्ण विधि मिली इसके लिए मैं अपने गुरुदेव जी का कोटि-कोटि धन्यवाद करती हूँ।

 

ध्यान दें : कोई भी ग्रह अगर कुंडली में मारकेश हो तो उसके बल को कम किया जाता है और योग कारक ग्रह के बल को बढ़ाया जाता है।

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

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