क्या कहती है आपकी मस्तिष्क रेखा (Kya Kehti Hai Aapki Mastishk Rekha-Head Line)

          हस्तरेखा शास्त्री द्वारा पहचान की जाने वाली अगली रेखा मस्तिष्क रेखा है। यह रेखा तर्जनी उंगली के नीचे से शुरू होकर हथेली होते हुए बाहर के किनारे की ओर बढ़ती है। अक्सर मस्तिष्क रेखा शुरुआत में जीवन रेखा के साथ जुड़ी होती है।हस्तरेखाविद् आम तौर पर इस रेखा की व्याख्या व्यक्ति के मन के प्रतिनिधि कारकों के रूप में करते हैं और जिस तरह से यह काम करती है, उनमें सीखने की शैली, संचार शैली, बौद्धिकता और ज्ञान की पिपासा भी शामिल होती है। माना जाता है कि यह सूचना के प्रति रचनात्मक या विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण की प्राथमिकता (यानी, दाहिना दिमाग या बांया दिमाग) का संकेतक होती है।

  • अगर रेखा हल्की और अंत में अंग्रेजी का वी आकार की हो तो यह व्यक्ति के विचारों के भटकाव को दर्शाती है।
  • यदि यह रेख अधिक लम्बी एवं सीदी हो तो व्यक्ति बहुत उलझे व्यक्तित्व का होता है।
  • यदि यह रेख लम्बी हो तो व्यक्ति अच्छी समरण शक्ति वाला होता है एवं किसी भी कार्य को अच्छी तरह से सोच समझ कर करने वाला होता है।
  • यदि यह रेख असमान्य रूप से अधिक लम्बी हो तो हथेली के दोनों किनारो तक पहुँच जाती है। ऐसे में व्यक्ति बहुत साहसी और हर कार्य में सफल परन्तु स्वार्थी भी होते है।
  • यदि यह रेख कर्व आकार की हो तो व्यक्ति आदर्श वादी नीति का, क्रिएटिव और नए विचार को ग्रहण करने में ना घबराने वाला होता है।
  • यदि मस्तिष्क रेखा बेहद स्पष्ट एवं बिना किसी सहायक रेखा द्वारा क्रॉस और सीधी खत्म होने वाली हो तो यह व्यक्ति के जीवन में उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग बनाती है।
  • यदि मस्तिष्क रेखा हाथ पर कहीं झुकी हुई है यानि ऊपर की बजाय नीचे की तरफ जाए तो यह पागलपन की निशानी होती है।
  • यदि हथेली में पतली, स्पष्ट और गहरी मस्तिष्क रेखा हो तो जातक दिमागी काम करने वाला होता है।
  • यदि मस्तिष्क रेखा हो कटी फटी हो या जंजीरनुमा हो तो व्यक्ति के लिए धन संभालकर रखना बहुत कठिन होता है। ऐसे लोगों के पास धन आने से पहले ही खर्च करने की योजना बन जाती है जिससे धन का संचय करना कठिन होता है।
  • यदि बाएँ हाथ में मस्तिष्क रेखा एकदम हल्की अथवा क्षीण हो लेकिन दाएँ हाथ में बलवान और स्पष्ट हो तो समझना चाहिए कि जातक की मानसिक प्रवृत्तियों के विकास में उसके माता-पिता किसी का भी प्रभाव नहीं पड़ा है और व्यक्ति ने स्वयं ही उनको विकसित किया है।
  • यदि मस्त‌िष्क रेखा का स‌िरा दो भागों में बंटा हुआ हो, हथेली में मंगल पर्वत ऊंचा हो और कन‌िष्ठा उंगली लंबाई लिए हो तो यह संकेत करता है क‌ि व्यक्त‌ि राजयोग लेकर पैदा हुआ है और सरकारी क्षेत्र में उच्च पद और लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • यदि बाएँ हाथ में मस्तिष्क रेखा मुड़कर नीचे की ओर जा रही है लेकिन दाएँ हाथ में यह रेखा सीधी हथेली में एक ओर से दूसरी ओर सीधी जा रही है तो इसका अर्थ हुआ कि व्यक्ति अपनी जन्मजात प्रवृत्तियों के अनुसार नहीं चला है अर्थात जो प्रवृति उसकी जन्मजात थी, बड़े होते-होते किसी कारन वह बदल गई हैं।

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

 

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