गुरु ग्रह के उपाए (Guru Greh Ke Upaye)

गोचर में या दशा में जब गुरु के शुभ फल प्राप्त न होने की स्थिति में गुरु ग्रह की शान्ति के उपाय करना लाभकारी रहता है। गुरु सबसे शुभ ग्रह है। इसलिये इनकी शुभता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। जब कुण्डली में गुरु अशुभ भावों का स्वामी हों तो गुरु की महादशा में इसकी […]

बुध ग्रह के उपाए (Budh Greh Ke Upaye)

बुध ग्रह वाणी, बुद्धि, विवेक,बिज़नेस अदि का करक है। बुध दो राशियों मिथुन व कन्या का स्वामी है और जन्म कुंडली में ३रे व ६ठे घर मालिक है। कुंडली में बुध के प्रभाव को अनुकूल बनाने हेतु बुध का अध्ययन करके इससे सम्बंधित वस्तुओं से बुध के बलाबल को बढ़ाया या काम किया जा सकता […]

विवाह एवं ग्रह (Vivah Evam Greh)

किसी भी जातक के विवाह हेतु तीन ग्रह वृहस्पति,शुक्र एवं होती है। जब किसी व्यक्ति की कुण्डली से दांपत्य का विचार किया जाता है, तो इन तीन ग्रहों का विश्लेषण किया जाता है। इन तीनों ग्रहों कि स्थिति को समझने के बाद ही व्यक्ति के दांपत्य जीवन के विषय में कुछ कहना सही रहता है। […]

सोये ग्रह के लिये उपाय (Soye Greh Ke liye Upaye)

जिन लोगों की कुण्डली में प्रथम भाव सोया हुआ हो उन्हें इस घर को जगाने के लिए मंगल का उपाय करना चाहिए। मंगल का उपाय करने के लिए मंगलवार का व्रत करना चाहिए। मंगलवार के दिन हनुमान जी को लडुडुओं का प्रसाद चढ़ाकर बांटना चाहिए। मूंगा धारण करने से भी प्रथम भाव जागता है। जातक […]

शनि साढ़ेसात के चरण (Shani Sade Sati Ke Charan)

शनि तीन राशियों पर गोचर करते है। अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग – अलग फल देते है। शनि कि साढ़ेसात के नाम से ही लोग भयभीत हैं। जिस व्यक्ति को यह मालूम हो जाये की उसकी शनि की साढेसाती चल रही है, वह सुनकर ही व्यक्ति मानसिक दबाव में […]

कुंडली से जाने कैसा होगा जीवनसाथी (Kundli Se Jane Kaisa Hoga Jeevansathi)

         हर जातक एवं जातिका अपने जीवनसाथी के लिए स्वप्न देखते हैं और कल्पनाएं करते हैं कि उसका जीवनसाथी सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व, गुणवान, धनवान अदि हो। माता-पिता का भी यही स्वप्न होता है कि उनकी बेटी या बीटा सुखी रहे और उसे श्रेष्ठ जीवनसाथी मिले। हमारे कर्मो के फलस्वरूप कुंडली में सप्तम […]

शाबर मंत्र प्रयोग एवं सम्पूर्ण विधि (Shabar Mantra Prayog Evam Sampooran Vidhi)

शाबर मंत्रों को सिद्ध करने से पहले गुरू और गणेश जी की पूजा आराधना करनी चाहिए। सबसे पहले चारमुख का दिया जलाकर निम्न मंत्र का सात बार जाप कर गुरू का आह्वान करें। मंत्र : गुरू दिन गुरू बाती, गुरू सहे सारी राती, वास्तीक दियना, बार के गुरू के उतारौं आरती। फिर निम्न मंत्र द्वारा […]

घर की रक्षा हेतु शाबर मंत्र (Ghar Ki Raksha Hetu Shabar Mantra)

        कभी-कभी किसी स्थान आदि के प्रभाव के कारण नकारात्मक शक्तियाँ अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देती है। ये नकारात्मक शक्तियाँ जैसे : नजर के दोष, भूत-प्रेत जैसी ऊपरी बाधा का आना मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। उसके साथ ही ये शक्तियाँ ऐसे व्यक्तियों के […]

डॉ: नारायण दत्त श्रीमाली (निखिलेश्वरानंद) जी की जीवनी (Dr. Narayan Dutt Shrimali (Nikhileshwaranand) Ji Ki Jeevni)

ॐ गुं गुरूभ्यो नमः ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरूभ्यो नमः           सद्गुरूदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली (निखिलेश्वरानंद) जी का जन्म २१ अप्रैल १९३५ में राजस्थान में खरन्टिया क्षेत्र में हुआ। गुरुदेव जी के पिता श्री जी का नाम पंडित मुल्तान चन्द्र श्रीमाली था। आप का सन्यासी नाम श्री स्वामी निखिलेश्वरानंद जी […]

बिल्ली की जेर या नाल (Billi Ki Jer Ya Naal)

          धन के आभाव या धनहीनता के कारन व्यक्ति कई सुखों से वंचित रह जाता है। हर व्यक्ति के मन की यह इच्छा होती है कि उसके पास इतना सारा धन हो की वह उससे अपनी सभी इच्छाएं पूर्ण कर सके। दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी होते है जिनके पास […]