गोमती चक्र के अचूक प्रयोग (Gomti Chakra Ke Achook Prayog)

यदि कोई बच्चा शीघ्र ही डर जाता है, तो प्रथम मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर हनुमान जी के दाएं कन्धे का सिन्दूर लेकर तिलक कर किसी लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में पहना दें। बच्चे का डरना समाप्त होगा। यदि दुश्मन तंग कर रहे हों तो तीन गोमती चक्रों पर दुश्मन के […]

यज्ञ क्या है (Yagya Kya Hai)

          यज्ञ का अर्थ है- शुभ कर्म। श्रेष्ठ कर्म। सतकर्म। वेदसम्मत कर्म। सकारात्मक भाव से ईश्वर-प्रकृति तत्वों से किए गए आह्‍वान से जीवन की प्रत्येक इच्छा पूरी होती है। यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। हिन्दू धर्म में जितना महत्व यज्ञ को दिया गया है उतना ओर किसी को नहीं दिया […]

इच्छा अनुसार संतान प्राप्ती (Ichha Anusar Santan Prapti)

          विवाहोपरांत दंपति को संतान प्राप्ति की प्रबल उत्कंठा होती है। आज जब लडकियां भी पढ लिखकर काफ़ी उन्नति कर रही हैं तो भी अधिकांश दंपतियों की दबे छुपे मन में पुत्र संतान ही प्राप्त करने की इछ्छा रखते हैं। यों तो संतान योग जातक की जन्मकुंडली में जैसा भी विद्यमान […]

नौगजा पीर साधना (Nogaja Peer Sadhna)

          नौगजा पीर जी का स्थान हरियाणा के जिला शाहबाद में है। नौगजा पीर जी बड़े ही करामाती पीर हुए है जिनमे हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समान रूप से श्रद्धा रखते है और अपनी मुँह मांगी मुरादे पाते है। एक मान्यता के अनुसार नौगजा पीर जी का नाम सैय्यद इब्राहीम […]

स्वप्न सिद्धि साधना (Swapan Sidhhi Sadhna)

          स्वप्न सिद्धि के माध्यम से हम स्वप्न में किसी भी वस्तु विशेष की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस साधना की विशेषता है के यह साधक को अपने एवं उसके परिवार के साथ भविष्य में होने होने वाली सभी शुभ एवं अशुभ घटनाओं की जानकारी पहले से ही दे देती […]

अस्त गृह और फल (Ast Greh Aur Fal)

          अस्त ग्रहों के अध्ययन के बिना जन्म कुंडली का अध्ययन अधूरा है। जन्म कुंडली में अस्त ग्रहों का अपना एक विशेष महत्व होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह सूर्य ग्रह के समीप जाता है तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अस्त हो कर बलहीन हो […]

दस महाविद्या साधना (Dus Mahavidya Sadhna)

          दस महाविद्या को देवी दुर्गा के दस रूप माने जाते हैं। ये महाविद्याओं की शक्तियां ही पूरे संसार को चलाती हैं। देवी दुर्गा के ये सभी स्वरूप तंत्र साधना में बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण माने गए हैं। आइए जानते हैं मान्यता के अनुसार किस महाविद्या की पूजा तंत्र में किस […]

वक्री ग्रह का फल (Vakri Greh Ka Fal)

          वक्री ग्रहों को लेकर ज्योतिष विशेषज्ञों की अलग-अलग धारणायें हैं। लेकिन लगभग हर दूसरे व्यक्ति की जन्म कुंडली में एक या इससे अधिक वक्री ग्रह पाये जाते हैं। समस्त ग्रह घड़ी की सुई की विपरीत दशा में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, परन्तु कभी-कभी देखने पर इनकी गति […]

गुरु पादुका स्तोत्र (Guru Paduka Stotra)

ॐ नमो गुरुभ्यो गुरुपादुकाभ्यो नमः परेभ्यः परपादुकाभ्यः ! आचार्य सिद्धेश्वरपादुकाभ्यो नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्यो !!१!! मैं पूज्य गुरुदेव को प्रणाम करता हूँ, मेरी उच्चतम भक्ति गुरु चरणों और उनकी पादुका के प्रति हैं, क्योंकि गंगा -यमुना आदि समस्त नदियाँ और संसार के समस्त तीर्थ उनके चरणों में समाहित हैं, यह पादुकाएं ऐसे चरणों से आप्लावित रहती […]

शिष्यता एवं सात सूत्र (Shishyata Evam Saat Sutra)

          शिष्य का तात्पर्य किसी देह से नहीं हैं, शिष्य का तात्पर्य खड़े होकर हाथ जोड़ने से नहीं हैं, शिष्य का तात्पर्य कोई दीक्षा लेने से भी नहीं हैं। यह तो एक भाव हैं कि हम दीक्षा लेकर अपने आपको पूर्ण रूप से गुरु चरणों में विसर्जित करके गुरु से एकाकार […]