१६ कलायें (16 Kalayen)

          यह समस्त संसार द्वंद्व धर्मों से आपूरित हैं, जितने भी यहाँ प्राणी हैं, वे सभी इन द्वंद्व धर्मों के वशीभूत हैं, किन्तु इस कला से पूर्ण व्यक्ति प्रकृति के इन बंधनों से ऊपर उठा हुआ होता हैं। वाक् सिद्धि : जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, […]

साधना में माला का महत्व (Sadhna Mein Mala Ka Mahatva)

          देवी-देवताओं एवं मन्त्रों की सिद्धि हेतु अलग-अलग माला का प्रयोग किया जाता है। किसी भी साधना या मंत्र सिद्धि हेतु अधिकतर रुद्राक्ष की माला का ही प्रयोग होता है। परन्तु प्रत्येक साधना हेतु उस देवी या देवता से सम्बंधित माला का प्रयोग किया जाये तो सफलता शीघ्र प्राप्त होने की […]

शीघ्र विवाह हेतु उपाए (Sheeghra Vivah Hetu Upaye)

        प्रिये मित्रो हमारे पूर्व जन्मों एवं इस जन्म के कर्मो के कारन ऐसे कई अवरोध उत्पन्न हो जाते हैं जो हमें आगे बढ़ने से रोकते हैं। बार-बार असफलता के कारन हमारा जीवन निराशा से भरने लगता है। यह सब हमारे कर्मों का ही परिणाम होता है। कई कर्म ऐसे होते हैं […]

केमद्रुम योग (Kemdrum Yog)

केमद्रुमे भवति पुत्रकलत्रहीनो देशान्तरे दु:खसमाभितप्त ज्ञातिप्रमोदनिरतो मुखर: कुचैलो नीच सदा भवति भीतियुतश्चिरायु:           जातक की जन्म कुंडली में बनाने वाला यह एक अशुभ योग है। इस योग के चलते जातक मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है । इस योग के कारण जातक के जीवन में अधूरापन सदैव बना रहता हैं […]

पुराणों में ३६ नरक (Purano Mein 36 Narak)

          हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों में 36 तरह के मुख्य नर्कों का वर्णन किया गया है। पुराणों के अनुसार स्वर्ग वह स्थान होता है जहां देवता रहते हैं और अच्छे कर्म करने वाले इंसान की आत्मा को भी वहां स्थान मिलता है, इसके विपरीत बुरे काम करने वाले लोगों को […]

राशि अनुसार धारण करें रुद्राक्ष (Rashi Anusar Dhaaran Karen Rudraksh)

          शिवपुराण के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ती स्वयं भगवान शिव के आंसू से हुई थी। जिसके चलते इसे बेहद शुभ माना जाता है। इसे पहनने पर बुरे से बुरा समय खत्म हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी राशियों के लिए अलग-अलग रुद्राक्ष फायदेमंद होते हैं। ऐसे में आपके लिए […]

योनि का फल (Yoni Ka Fal)

          जब भी आप अपनी जन्म कुंडली देखेंगे तो उसमे आपकी योनि का नाम लिखा होगा। हमारे ग्रंथों में ८४ लाख योनियां बताई गई हैं, अर्थात संसार में इतने प्रकार के प्राणी मौजूद हैं। मनुष्य योनि सबसे उत्तम है और सभी योनियों का मध्य माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है […]

हस्त मुद्रा चिकित्सा (Hast Mudra Chikitsa)

          पांच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश से बना मनुष्य का शरीर अनन्त रहस्योंसे भरा हुआ है। शरीर के रोगों को जड़ से समाप्त करने हेतु योग, रेकी, मंत्र, तंत्र, ध्यान और हस्त मुद्रा अदि विशेष रूप से प्रयोग होते हैं। शरीर की अपनी एक मुद्रामयी भाषा है। जिसे […]

सूतक-पातक क्या है (Sootak Paatak Kya Hai)

          घर में जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो उस घर में रहने वाले जातक व उसके सम्पूर्ण कुल को सूतक लग जाता है और यदि कोई मृत्यु हो जाये तो पातक लगेगा। सूतक या पातक में मंदिर में प्रवेश नहीं करते किन्तु इसके पीछे क्या कारन है यह भी […]

श्वेतार्क गणपति (Shwetaark Ganpati)

“गणानां जीवजातानां य: ईश: स्वामी स: गणेश:” अर्थात – जो समस्त जीव जाति के ईश-स्वामी हैं वह गणेश हैं। इनकी पूजा से सभी विघ्न नष्ट होते हैं।           वनस्पति तंत्र में कई ऐसी दुर्लभ वनस्पतियां एवं वृक्ष हैं जिनको हमारे देवी-देवताओं का प्रत्यक्ष स्वरूप माना गया है। इनका उपयोग जनकल्याण की […]