श्री गणपति कवच (Shri Ganpati Kavach)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ ॥ गौर्युवाच ॥ एषोऽतिचपलो दैत्यान्बाल्येऽपि नाशयत्यहो । अग्रे किं कर्म कर्तेति न जाने मुनिसत्तम ॥ १॥ दैत्या नानाविधा दुष्टाः साधुदेवद्रुहः खलाः । अतोऽस्य कण्ठे किंचित्त्वं रक्षार्थं बद्धुमर्हसि ॥ २॥ ॥ मुनिरुवाच ॥ ध्यायेत्सिंहहतं विनायकममुं दिग्बाहुमाद्ये युगेत्रेतायां तु मयूरवाहनममुं षड्बाहुकं सिद्धिदम् । द्वापारे तु गजाननं युगभुजं रक्ताङ्गरागं विभुम्तुर्ये तु द्विभुजं […]

यन्त्र क्या है (Yantra Kya Hai)

यन्त्र और मन्त्र को किसी भी प्रकार से अलग नहीं समझें यन्त्र एक शरीर है और मन्त्र उस शरीर की आत्मा। जैसे आत्मा शरीर में निवास करती है वैसे ही देवता सदैव यन्त्रों में निवास करते हैं। यन्त्र देवी देवताओं के प्रतीक एवं आवास ग्रह होते हैं। श्रीमद भगवत में कहा गया है कि देवी […]

मन्त्र क्या है (Mantra Kya Hai)

‘‘मन्त्रो हि गुप्त विज्ञानः’’ “अर्थात मन्त्र एक गुप्त विज्ञान है, जिससे गूढ़ रहस्य प्राप्त किये जा सकते हैं”           विश्व के सब धर्मों में मन्त्रों को विशेष स्थान प्राप्त है। मन्त्र की शक्ति और स्वरुप की व्याख्या करने पर कहा जा सकता है कि मन्त्र अविनाशी है, सर्व व्यापक हैं, नित्य […]

तन्त्र क्या है (Tantra Kya Hai)

          हर व्यक्ति के मन में तन्त्र, तांत्रिक या टोने-टोटके का नाम सुनते ही यह जिज्ञासा उठती है कि यह तन्त्र होता क्या है? तन्त्र एक ऐसी प्राचीन विद्या है जो की शरीर पर खुद का नियंत्रण बढ़ाती है। आम तौर पर देखा जाए तो तन्त्र की परिभाषा बहुत ही सरल है तन्त्र […]

नक्षत्रों के नाम एवं देवता (Nakshatron Ke Naam Evam Devta)

नक्षत्रों के नाम : १. अश्विनी                     २. भरिणी                    ३. कृत्तिका                            ४. रोहिणी ५. मृगशिरा                     ६. […]

सनातन में समय की सूक्षम्ता (Sanatan Mein Samay Ki Sukshamta)

          हमारे सनातन संस्कृति महान है। इसमें समय को भी सूक्षम्ता से विराट रूप में बांटा गया है। पहले कुछ नही था। केवल् शून्य था। जब विराट पुरुष का जन्म हुआ और काल चक्र की उतपत्ति हुई तब काल का ज्ञान हुआ ये काल( समय ) इस प्रकार है। क्रति = […]

निर्जला एकादशी एवं व्रत कथा (Nirjala Ekadashi Evam Vrat Katha)

          ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को “निर्जला एकादशी” कहते है इस व्रत मे पानी पीना वर्जित है। इसिलिये इसे निर्जला एकादशी कहते है। व्रतों में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है। वर्ष में एक बार ग्रीष्म ऋतु के घोर तपते दिनों में किया जाने […]

हिंदी महीने के नाम (Hindi Mahine Ke Naam)

मासश्चैत्रश्च वैशाखो ज्येष्ठश्चाषाढ़ संज्ञकः । श्रावणश्चैव भाद्राख्य आश्विनःकार्तिकस्तथा ।। मार्गशीर्षश्च पौषश्च माघश्च् फाल्गुनस्तथा । अर्थात् :- चैत्र, वैशाख ,ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भादों, क्वार ,कार्तिक ,मार्गशीर्ष, पौष , माघ और फाल्गुन ये बारहों महीनों की संज्ञा है। ऋतू ज्ञान : सूर्य की राशि                        ऋतूयें मकर,कुम्भ  […]

धन दायक ग्रहों की स्थिति (Dhan Dayak Grahon Ki Sthiti)

          इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए कई प्रयास करता है। कई बार असंख्य प्रयास करने पर भी पर्याप्त धन प्राप्त नहीं होता। परन्तु कुछ व्यक्ति थोड़ा सा प्रयास करके ही अपार धनवान बन जाते हैं। यह सब हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर ही निर्भर […]

गुरू ग्रह का अशुभ फल (Guru Greh Ka Ashubh Fal)

          नवग्रहों में बृहस्ती देव को सर्वोच्च पद प्राप्त है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और सूर्य, मंगल, चंद्र इनके मित्र ग्रह हैं। शुक्र और बुध शत्रु ग्रह और शनि और राहु सम ग्रह हैं। बृहस्पति समस्त देवी-देवताओं के गुरु हैं। गुरु एक अति शुभ ग्रह है जो […]