कुंडली में दीर्घायु योग (Kundli Mein Dirghayu Yog)

          जातक की ६१ साल से १२० साल की आयु को दीर्घायु कहा जाता है। इस संसार में सभी जातक अपनी आयु जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। यदि कोई रोग हमें परेशान कर रहा हो तो ज्योतिषी के पास जाकर उसका संधान ढूंढते हैं और आयु की जानकारी भी लेते […]

कुंडली में अल्पायु योग (Kundli Mein Alpayu Yog)

          किसी भी जातक की कुंडली भूत, वर्तमान एवं भविष्य का दर्पण होती है। कुंडली में बैठे ग्रहों को देखकर यह जाना जा सकता है कि जातक अपने जीवन में क्या-क्या सुख और दुख भोगेगा। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से जातक की आयु की पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती […]

केतु ग्रह के प्रभाव (Ketu Greh Ke Prabhav)

          केतु एक छाया ग्रह है जो की मनुष्य के शरीर में अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। केतु मंडल ध्वजाकार है और सूर्य और चन्द्रमा शत्रु हैं। यह एक ऊष्ण और तमोगुणी ग्रह है। केतु को मीन राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। केतु मीन और धनु राशि में […]

जानिए घर की दिशा और आपके ग्रह (Janiye Ghar Ki Disha Aur Apke Greh)

          किसी भी जातक का घर किस गृह से सम्बन्ध रखता है यह जानने के लिए जातक की कुंडली नहीं बल्कि उसके घर की दिशा, आस पास लगे पेड़ पोदे और ग्रहों से संबधित अन्य वस्तुओं से जाना जा सकता है। हम यह भी जान सकते हैं की यह घर जातक के लिए शुभ रहेगा […]

श्री भगवती स्तोत्र (Shri Bhagwati Stotra)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापनिवाशिनि बहुफलदे । जय शुम्भ-निशुम्भ कपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ॥ १॥ जय चन्द्रदिवाकर-नेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे । जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे ॥ २॥ जय महिषविमर्दिनिशूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे । जय देवि पितामहविष्णुनुते जय भास्करशक्रशिराऽवनते ॥ ३॥ जय षण्मुख-सायुध-ईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते । जय दुःख-दरिद्र-विनाशकरे […]

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजासुवन मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम देउ अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजापति दीनदयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नाग फनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाये ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे […]

श्री धूमावती कवच (Shri Dhumavati Kavach)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ ॥ श्री पार्वत्युवाच ॥ धूमावत्यर्चनं शम्भो श्रुतम् विस्तरतो मया। कवचं श्रोतुमिच्छामि तस्या देव वदस्व मे ॥१॥ ॥ श्री भैरव उवाच ॥ शृणु देवि परङ्गुह्यन्न प्रकाश्यङ्कलौ युगे। कवचं श्रीधूमावत्या: शत्रुनिग्रहकारकम् ॥२॥ ब्रह्माद्या देवि सततम् यद्वशादरिघातिन:। योगिनोऽभवञ्छत्रुघ्ना यस्या ध्यानप्रभावत: ॥३॥ ॐ अस्य श्री धूमावती कवचस्य पिप्पलाद ऋषि: निवृत छन्द:, श्री धूमावती […]

संतान प्राप्ति के उपाए भाग-१ (Santan Prapti Ke Upaye Part-1)

संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् यात्रा करके वहां सर्प-पूजन करवाने से संतान-दोष समाप्त होता है। माता बनने की इच्छुक महिला को चाहिए गुरुवार के दिन गेंहू के आटे की 2 पिन्नी बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ […]

श्री दशमहाविद्या कवच (Shri Das Mahavidya Kavach)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ ॥ विनियोगः ॥ ॐ अस्य श्रीमहाविद्याकवचस्य श्रीसदाशिव ऋषिः उष्णिक् छन्दः श्रीमहाविद्या देवता सर्वसिद्धीप्राप्त्यर्थे पाठे विनियोगः । ॥ ऋष्यादि न्यासः ॥ श्रीसदाशिवऋषये नमः शिरसी उष्णिक् छन्दसे नमः मुखे श्रीमहाविद्यादेवतायै नमः हृदि सर्वसिद्धिप्राप्त्यर्थे पाठे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे । ॥ मानसपुजनम् ॥ ॐ पृथ्वीतत्त्वात्मकं गन्धं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे समर्पयामि नमः । ॐ हं आकाशतत्त्वात्मकं […]

श्री नवग्रह स्तोत्र (Shri Navgreh Stotra)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महद्युतिम् । तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् ॥ १ ॥ दधिशङ्खतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम् । नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम् ॥ २ ॥ धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम् । कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम् ॥ ३ ॥ प्रियङ्गुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम् । सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम् ॥ ४ ॥ देवानां च ऋषीणां च गुरुं […]