शनि साढ़ेसात के चरण (Shani Sade Sati Ke Charan)

शनि तीन राशियों पर गोचर करते है। अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग – अलग फल देते है। शनि कि साढ़ेसात के नाम से ही लोग भयभीत हैं। जिस व्यक्ति को यह मालूम हो जाये की उसकी शनि की साढेसाती चल रही है, वह सुनकर ही व्यक्ति मानसिक दबाव में […]

कुंडली से जाने कैसा होगा जीवनसाथी (Kundli Se Jane Kaisa Hoga Jeevansathi)

         हर जातक एवं जातिका अपने जीवनसाथी के लिए स्वप्न देखते हैं और कल्पनाएं करते हैं कि उसका जीवनसाथी सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व, गुणवान, धनवान अदि हो। माता-पिता का भी यही स्वप्न होता है कि उनकी बेटी या बीटा सुखी रहे और उसे श्रेष्ठ जीवनसाथी मिले। हमारे कर्मो के फलस्वरूप कुंडली में सप्तम […]

गोमती चक्र के अचूक प्रयोग (Gomti Chakra Ke Achook Prayog)

यदि कोई बच्चा शीघ्र ही डर जाता है, तो प्रथम मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर हनुमान जी के दाएं कन्धे का सिन्दूर लेकर तिलक कर किसी लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में पहना दें। बच्चे का डरना समाप्त होगा। यदि दुश्मन तंग कर रहे हों तो तीन गोमती चक्रों पर दुश्मन के […]

इच्छा अनुसार संतान प्राप्ती (Ichha Anusar Santan Prapti)

          विवाहोपरांत दंपति को संतान प्राप्ति की प्रबल उत्कंठा होती है। आज जब लडकियां भी पढ लिखकर काफ़ी उन्नति कर रही हैं तो भी अधिकांश दंपतियों की दबे छुपे मन में पुत्र संतान ही प्राप्त करने की इछ्छा रखते हैं। यों तो संतान योग जातक की जन्मकुंडली में जैसा भी विद्यमान […]

अस्त गृह और फल (Ast Greh Aur Fal)

          अस्त ग्रहों के अध्ययन के बिना जन्म कुंडली का अध्ययन अधूरा है। जन्म कुंडली में अस्त ग्रहों का अपना एक विशेष महत्व होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह सूर्य ग्रह के समीप जाता है तो सूर्य के तेज से वह ग्रह अस्त हो कर बलहीन हो […]

वक्री ग्रह का फल (Vakri Greh Ka Fal)

          वक्री ग्रहों को लेकर ज्योतिष विशेषज्ञों की अलग-अलग धारणायें हैं। लेकिन लगभग हर दूसरे व्यक्ति की जन्म कुंडली में एक या इससे अधिक वक्री ग्रह पाये जाते हैं। समस्त ग्रह घड़ी की सुई की विपरीत दशा में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, परन्तु कभी-कभी देखने पर इनकी गति […]

शीघ्र विवाह हेतु उपाए (Sheeghra Vivah Hetu Upaye)

        प्रिये मित्रो हमारे पूर्व जन्मों एवं इस जन्म के कर्मो के कारन ऐसे कई अवरोध उत्पन्न हो जाते हैं जो हमें आगे बढ़ने से रोकते हैं। बार-बार असफलता के कारन हमारा जीवन निराशा से भरने लगता है। यह सब हमारे कर्मों का ही परिणाम होता है। कई कर्म ऐसे होते हैं […]

केमद्रुम योग (Kemdrum Yog)

केमद्रुमे भवति पुत्रकलत्रहीनो देशान्तरे दु:खसमाभितप्त ज्ञातिप्रमोदनिरतो मुखर: कुचैलो नीच सदा भवति भीतियुतश्चिरायु:           जातक की जन्म कुंडली में बनाने वाला यह एक अशुभ योग है। इस योग के चलते जातक मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है । इस योग के कारण जातक के जीवन में अधूरापन सदैव बना रहता हैं […]

राशि अनुसार धारण करें रुद्राक्ष (Rashi Anusar Dhaaran Karen Rudraksh)

          शिवपुराण के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ती स्वयं भगवान शिव के आंसू से हुई थी। जिसके चलते इसे बेहद शुभ माना जाता है। इसे पहनने पर बुरे से बुरा समय खत्म हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी राशियों के लिए अलग-अलग रुद्राक्ष फायदेमंद होते हैं। ऐसे में आपके लिए […]

योनि का फल (Yoni Ka Fal)

          जब भी आप अपनी जन्म कुंडली देखेंगे तो उसमे आपकी योनि का नाम लिखा होगा। हमारे ग्रंथों में ८४ लाख योनियां बताई गई हैं, अर्थात संसार में इतने प्रकार के प्राणी मौजूद हैं। मनुष्य योनि सबसे उत्तम है और सभी योनियों का मध्य माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है […]