सूतक-पातक क्या है (Sootak Paatak Kya Hai)

          घर में जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो उस घर में रहने वाले जातक व उसके सम्पूर्ण कुल को सूतक लग जाता है और यदि कोई मृत्यु हो जाये तो पातक लगेगा। सूतक या पातक में मंदिर में प्रवेश नहीं करते किन्तु इसके पीछे क्या कारन है यह भी […]

नक्षत्रों के नाम एवं देवता (Nakshatron Ke Naam Evam Devta)

नक्षत्रों के नाम : १. अश्विनी                     २. भरिणी                    ३. कृत्तिका                            ४. रोहिणी ५. मृगशिरा                     ६. […]

दशरथ कृत शनि स्तोत्र (Dashrath Krit Shani Stotra)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ नमः कृष्णाय नीलाय शितिकंठनिभाय च। नमः कालाग्नि रूपाय कृतान्ताय च वै नमः॥ नमो निर्मोसदेहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥ नमः पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णे च वै पुनः। नमो दीर्घाय शुष्काय कालद्रंष्ट नमोस्तुते॥ नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरिक्ष्याय वै नमः। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने ॥ नमस्ते सर्व भक्षाय बलि मुख नमोस्तुते। सूर्य […]

निर्जला एकादशी एवं व्रत कथा (Nirjala Ekadashi Evam Vrat Katha)

          ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को “निर्जला एकादशी” कहते है इस व्रत मे पानी पीना वर्जित है। इसिलिये इसे निर्जला एकादशी कहते है। व्रतों में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है। वर्ष में एक बार ग्रीष्म ऋतु के घोर तपते दिनों में किया जाने […]

हिंदी महीने के नाम (Hindi Mahine Ke Naam)

मासश्चैत्रश्च वैशाखो ज्येष्ठश्चाषाढ़ संज्ञकः । श्रावणश्चैव भाद्राख्य आश्विनःकार्तिकस्तथा ।। मार्गशीर्षश्च पौषश्च माघश्च् फाल्गुनस्तथा । अर्थात् :- चैत्र, वैशाख ,ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भादों, क्वार ,कार्तिक ,मार्गशीर्ष, पौष , माघ और फाल्गुन ये बारहों महीनों की संज्ञा है। ऋतू ज्ञान : सूर्य की राशि                        ऋतूयें मकर,कुम्भ  […]

धन दायक ग्रहों की स्थिति (Dhan Dayak Grahon Ki Sthiti)

          इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए कई प्रयास करता है। कई बार असंख्य प्रयास करने पर भी पर्याप्त धन प्राप्त नहीं होता। परन्तु कुछ व्यक्ति थोड़ा सा प्रयास करके ही अपार धनवान बन जाते हैं। यह सब हमारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर ही निर्भर […]

गुरू ग्रह का अशुभ फल (Guru Greh Ka Ashubh Fal)

          नवग्रहों में बृहस्ती देव को सर्वोच्च पद प्राप्त है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और सूर्य, मंगल, चंद्र इनके मित्र ग्रह हैं। शुक्र और बुध शत्रु ग्रह और शनि और राहु सम ग्रह हैं। बृहस्पति समस्त देवी-देवताओं के गुरु हैं। गुरु एक अति शुभ ग्रह है जो […]

शुक्र ग्रह का अशुभ फल (Shukra Greh Ka Ashubh Fal)

          भारतीय ज्योतिष के अनुसार आकर्षण और प्रेम वासना का प्रतीक शुक्र ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव से व्यक्ति समाज पशु-पक्षी और प्रकृति तक प्रभावित होते हैं। ग्रहों का असर जिस तरह प्रकृति पर दिखाई देता है ठीक उसी तरह मनुष्यों पर सामान्यतः यह असर देखा जा सकता है। आपकी कुंडली में […]

राहू -केतू का प्रभाव (Rahu-Ketu Ka Prabhav)

          राहु-केतु दोनों ही शाया ग्रह हैं। कुंडली में यह सूर्य एवं चंद्र के साथ ग्रहण योग बनाते हैं। राहु भ्रम और केतु चिंताओं एवं कुल की वृद्धि का सूचक है। कुंडली में इनकी स्थिति जातक के जीवन को बहुत प्रभावित करती है। यह दोनों ग्रह सदैव पीड़ा करक नहीं होते। […]

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

          प्रिये मित्रों शुभ मुहूर्त में किया गया हर कार्य अवश्य ही शुभ परिणाम प्रदान करता है। इसी लिए जातक कोई भी शुभ कार्य करने से पहले किसी विशेषज्ञ या अच्छे ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त की तिथि लेने के बाद ही कार्य प्रारम्भ करता है। परन्तु कई बार ऐसा भी होता है […]