श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (Shri Vishnu Sahastranam Stotra)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ रुद्र उवाच संसारसागराग्धोरान्मुच्यते किं जपन्प्रभो । नरस्तन्मे परं जप्यं कथय त्वं जनार्दन ॥ १॥ हरिरुवाच परेश्वरं परं ब्रह्म परमात्मानमव्ययम् । ईश्वरम् परमंविष्णुं नामसहस्रेण स्तुवन्मुक्तो भवेन्नरः ॥ २॥ यत्पवित्रं परं जप्यं कथयामि वृषध्वज । शृणुष्वावहितो भूत्वा सर्वपापविनाशनम् ॥ ३॥ ॐ वासुदेवो महाविष्णुर्वामनो वासवो वसुः । बालचन्द्रनिभो बालो बलभद्रो बलाधिपः ॥ […]

श्री शिवताण्डव स्तोत्रम् (Shri Shiv Tandav stotra)

॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥ १॥ जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी-विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि । धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥ २॥ धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे । कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥ ३॥ जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे । मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥ ४॥ सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः । भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥ ५॥ ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा-निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् । सुधामयूखलेखया […]