रेकी क्या है ? (Reiki Kya Hai)

”ऋग्वेद में रेकी” ॐ अयं में हस्तो भगवनयं मे भगवत्तर: ।  अयं मे विश्वभेषजोऽयं शिवाभिमर्शनम् ॥ मेरा यह हाथ भाग्यवान है । मेरा यह हाथ सब ओषधियों से युक्त है । यह शुभ स्पर्श वाला है ।           रेकी (Reiki) अर्थात सर्पव्यापी जीवन शक्ति (शिव शक्ति) एक ऐसी आध्यात्मिक अभ्यास पद्धति […]

उपचारों में रेकी देने की अवस्थाएं भाग ६ (Upcharon Mein Reiki Dene Ki Avasthayen Part 6)

१. स्वाधिष्ठान चक्र, रोग ग्रस्त स्थान : मुख की नसें खीचने की बीमारी से मुक्ति पाने के लिए। २. मूलाधार चक्र + स्वाधिष्ठान चक्र, मूलाधार चक्र पेशे से + रोग ग्रस्त स्थान : टांगों की नसें खीचने की बीमारी से मुक्ति पाने के लिए। ३. मणिपुर चक्र + रोग ग्रस्त स्थान : शरीर में कहीं […]

उपचारों में रेकी देने की अवस्थाएं भाग ५ (Upcharon Mein Reiki Dene Ki Avasthayen Part 5)

१. रीढ़ की हड्डी के पहले एवं अंतिम मनके के ऊपर हाथों की एक एक उंगली से सहने योग्य दबाव डाल कर एवं बाद में दोनों हाथों से धीरे धीरे रख कर : २४ साल तक की उम्र तक लम्बाई बढ़ाने या बढ़ती हुई लम्बाई को रोकने के लिए । रीढ़ की हड्डी की बीमारी […]

उपचारों में रेकी देने की अवस्थाएं भाग ४ (Upcharon Mein Reiki Dene Ki Avasthayen Part 4)

१. मणिपुर चक्र + मूलाधार चक्र, हृदय चक्र + आज्ञा चक्र : मईग्रेन से मुक्ति पाने के लिए। सल्वाईकल से मुक्ति पाने के लिए। सर की हर प्रकार की दर्द को ठीक करने के लिए। नसों की बाधाओं को दूर करने के लिए। २. हृदय चक्र + आज्ञा चक्र, मणिपुर चक्र + स्वाधिष्ठान, फेफड़े आगे […]

उपचारों में रेकी देने की अवस्थाएं भाग ३ (Upcharon Mein Reiki Dene Ki Avasthayen Part 3)

१. आज्ञा चक्र + मूलाधार चक्र + रोग ग्रस्त स्थान पर : हड्डियों एवं जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए। स्फूर्ति एवं चेतना प्राप्त करने के लिए। गुप्तांगों की बिमारियों को ठीक करने के लिए ऊर्जा को बढ़ने के लिए। सुस्ती एवं शरीर के भारीपन को दूर करने के लिए। अस्थिर एवं बेकार […]

उपचारों में रेकी देने की अवस्थाएं भाग २ (Upcharon Mein Reiki Dene Ki Avasthayen Part 2)

१. मणिपुर चक्र + मूलाधार चक्र : हर प्रकार की एलर्जी से मुक्ति पाने के लिए। मौसम के बदलाव के कारन होने वाली बिमारियों से मुक्ति पाने के लिए। सूंघने की क्षमता क्षीण होने की स्थिति में बचाव के लिए। पुरानी दुखद यादों से मुक्ति पाने के लिए। किसी भी प्रकार की घृणा के विचारों […]

उपचारों में रेकी देने की अवस्थाएं भाग १ (Upcharon Mein Reiki Dene Ki Avasthayen Part 1)

१. आज्ञा चक्र + हृदय चक्र : तनाव से मिकतु पाने के लिए। क्रोध, घबराहट एवं चिंता को समाप्त करने के लिए। अपनी एवं दूसरों की भावनाओं को समाप्त करने के लिए। आत्मा की जाग्रति बढ़ने के लिए। लक्षय को पाने हेतु आत्म बल बढ़ने के लिए। स्मरण शक्ति बढ़ने के लिए। नींद के कारन […]

रेकी सीखने के लाभ (Reiki Seekhne Ke Labh)

“ऋग्वेद में रेक” ॐ अयं में हस्तो भगवनयं मे भगवत्तर: । अयं मे विश्वभेषजोऽयं शिवाभिमर्शनम् ॥ मेरा यह हाथ भाग्यवान है । मेरा यह हाथ सब ओषधियों से युक्त है । यह शुभ स्पर्श वाला है ।           रेकी अर्थात सर्पव्यापी जीवन शक्ति (शिव शक्ति) एक ऐसी आध्यात्मिक अभ्यास पद्धति है […]