शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

          प्रिये मित्रों शुभ मुहूर्त में किया गया हर कार्य अवश्य ही शुभ परिणाम प्रदान करता है। इसी लिए जातक कोई भी शुभ कार्य करने से पहले किसी विशेषज्ञ या अच्छे ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त की तिथि लेने के बाद ही कार्य प्रारम्भ करता है। परन्तु कई बार ऐसा भी होता है […]

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श्री कृष्ण जी के ५१ नामों के अर्थ (Shri Krishna Ji ke 51 Naamo Ke Arth)

कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला.। गिरिधर : गिरी : पर्वत ,धर : धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले। मुरलीधर : मुरली को धारण करने वाले। पीताम्बर धारी : पीत :पिला, अम्बर:वस्त्र। जिस ने पिले वस्त्रों को धारण किया हुआ है। मधुसूदन : मधु नामक दैत्य को मारने वाले। […]

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दीपावली के विशेष उपाए (Dipawali Ke Vishesh Upaye)

          हिन्दुओं के सभी पर्वों में दीपावली का सबसे अधिक महत्तव है। इस दिन अच्छाई की बुराई पर विजय का उत्सव मानाने के साथ साथ धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन किया जाता है। यदि इस दिन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन […]

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काल भैरव जी के कलयाणकारी प्रयोग (Kaal Bhairav Ji Ke Kaleyankari Priyog)

          तंत्राचार्यों का मानना है कि वेदों में जिस परम पुरुष का चित्रण रुद्र में हुआ, वह तंत्र शास्त्र के ग्रंथों में उस स्वरूप का वर्णन ‘भैरव’ के नाम से किया गया, जिसके भय से सूर्य एवं अग्नि तपते हैं। भगवान शंकर के अवतारों में भैरव जी का अपना एक विशिष्ट […]

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जन कल्याण हेतु शाबर मंत्र (Jan Kalyan Hetu Shabar Mantra)

ग्रह-बाधा-शान्ति मन्त्र : “ऐं ह्रीं क्लीं दह दह ।” विधि : सोम-प्रदोष से ७ दिन तक, माल-पुआ व कस्तूरी से उक्त मन्त्र से १०८ आहुतियाँ दें । इससे सभी प्रकार की ग्रह-बाधाएँ नष्ट होती हैं । सर्व-शुभ-दायक मन्त्र : ” ॐ ख्रीं छ्रीं ह्रीं थ्रीं फ्रीं ह्रीं ।” विधि : उक्त मन्त्र का सदैव स्मरण करने से […]

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कार्य सिद्धि हेतु गोरक्षनाथ मंत्र ( Karya Sidhi Hetu Gorakhnath Mantra)

॥ मन्त्र ॥ “ॐ गों गोरक्षनाथ महासिद्धः, सर्व-व्याधि विनाशकः । विस्फोटकं भयं प्राप्ते, रक्ष रक्ष महाबल ॥ १॥ यत्र त्वं तिष्ठते देव, लिखितोऽक्षर पंक्तिभिः । रोगास्तत्र प्रणश्यन्ति, वातपित्त कफोद्भवाः ॥ २ ॥ तत्र राजभयं नास्ति, यान्ति कर्णे जपाः क्षयम् । शाकिनी भूत वैताला, राक्षसा प्रभवन्ति न ॥ ३ ॥ नाऽकाले मरणं तस्य, न च सर्पेण […]

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श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgreh Chalisa)

॥ चौपाई ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज। जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं अनुग्रह आज॥ ॥ श्री सूर्य स्तुति ॥ प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा, करहुं कृपा जनि जानि अनाथा। हे आदित्य दिवाकर भानू, मैं मति […]

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उपाए एवं टोटके भाग – ५ (Upaye Evam Totke Part – 5)

समस्या मुक्ति हेतु प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान जी को बिना चूने के पान का बीड़ा चढ़ाएं। पान के साथ इत्र की फुरेरी भी अर्पित करें। इसके बाद हाथ जोड़ कर मानसिक रूप से हनुमानजी से अपने कष्टों से मुक्ति का निवेदन करें। इस उपाय को आप निरंतर करते रहे जब तक कि आपकी […]

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कुंडली में दीर्घायु योग (Kundli Mein Dirghayu Yog)

          जातक की ६१ साल से १२० साल की आयु को दीर्घायु कहा जाता है। इस संसार में सभी जातक अपनी आयु जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। यदि कोई रोग हमें परेशान कर रहा हो तो ज्योतिषी के पास जाकर उसका संधान ढूंढते हैं और आयु की जानकारी भी लेते […]

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कुंडली में अल्पायु योग (Kundli Mein Alpayu Yog)

          किसी भी जातक की कुंडली भूत, वर्तमान एवं भविष्य का दर्पण होती है। कुंडली में बैठे ग्रहों को देखकर यह जाना जा सकता है कि जातक अपने जीवन में क्या-क्या सुख और दुख भोगेगा। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से जातक की आयु की पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती […]

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